November 15, 2024

मां-बाप की आंखों में कभी नहीं आने दें आंसू – मुनिराजश्री

रतलाम14 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। मनुष्य को जीवन में मां, महात्मा और परमात्मा का उपकार कभी नहीं भूलना चाहिए। मां-बाप की आंखों में कभी आंसू न आने दें । उनकी आंखों में जिस दिन आंसू आते हैं, उस दिन सारे पुण्य खत्म हो जाते हैं । एक मां अकेली पांच बेटों को सम्हाल सकती है, लेकिन आजकल पांच बेटे एक मां को नहीं सम्हाल सकते। यदि बेटे मां-बाप को सम्हालते तो इतने वृद्धाश्रम कभी नहीं खुलते।

यह बात मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कही। उन्होंने जयन्तसेन धाम में लोकसन्त, आचार्य, गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में आयोजित धर्मसभा में शाश्वती सिद्धचक्र, नवपद ओलीजी की आराधना के सातवें दिन श्रीपाल रास श्रवण कराते हुए कहा कि मां दुखों का सामना करके भी हमेशा सुख ही देती है। मां को सिर्फ बेटी के घर छोडऩे और बेटे द्वारा दुख देने पर ही आंसू आते हैं। मानव जीवन प्रदान करने में मां-बाप का अनन्त उपकार होता है। इसलिए ज्ञानियों ने कहा है कि मां-बाप को दुखी करने वाला कभी सुखी नहीं रह सकता । रतलाम में काश्यप परिवार 16 अक्टूबर को तेजकुंवरबाई काश्यप का अमृत महोत्सव आयोजित कर मातृ भक्ति की अनूठी मिसाल प्रस्तुत कर रहा है। दुनिया में मां से बड़ा कोई उपकारी नहीं होता, स्वयं भगवान को भी उसके गर्भ से ही जन्म लेना पड़ता है ।
मुनिराजश्री ने सम्यक ज्ञान पद की महत्ता बताते हुए कहा कि छोटी से छोटी आराधना करने वाले को भी उसका ज्ञान होना जरुरी है । सामायिक का लाभ भी तभी मिलता है, जब उसके बारे में पूरी जानकारी होती है । सम्यक ज्ञान का ही प्रभाव था कि लंका में रहते हुए सीता ने अपना शील रावण को समर्पित नहीं किया। सीता को रावण की प्रमुख दासी ने कई बार दबाव डाला था लेकिन वह जानती थी कि मैंने यदि आज यह कदम उठा लिया तो असंख्य सीतारुपी महिलाएं अपना शील समर्पित कर सकती हैं। वह अपना शील समर्पित करती तो इतिहास बदल जाता । भगवान महावीर का जीवन, सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चारिर्त और सम्यक तप सभी का पर्याय है । उनके आदर्शों पर चलकर ही आत्मकल्याण किया जा सकता है। जयन्तसेन धाम में लोकसन्तश्री से आशीर्वाद लेने शुक्रवार को भी कई भक्त आए। दादा गुरुदेव की आरती का रमीला बेन चम्पक भाई वोहरा परिवार ने लिया।
अमृत महोत्सव का आकर्षण होगी मातृ वन्दना –
जयन्तसेन धाम में 16 अक्टूबर को लोकसन्तश्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में आयोजित होने वाले चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप की माताजी श्रीमती तेजकुंवरबाई काश्यप के ‘अमृत महोत्सव’ में मातृ वन्दना की संगीतमय प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इसमें युवा संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप मुम्बई से आई टीम के साथ अपनी संगीतमय प्रस्तुतियां देंगे। मुम्बई से मशहूर प्लेबेक सिंगर मधुश्री व ऋषिकेश भी रतलाम आ रहे हैं। मधुश्री रंग दे बसन्ती, जोधा अकबर और युवा सहित कई फिल्मों में पाश्र्व गायन कर चुकी है। जबकि ऋषिकेश ने भी वांटेड सहित कई हिन्दी व भाषायी फिल्मों के गीत गाए हैं। मातृ वन्दना का आयोजन प्रात: 9.00 बजे शुरू होगा। अमृत महोत्सव के दौरान अ.भा.सौ. वृ. त्रिस्तुतिक जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ एवं रतलाम श्रीसंघ श्रीमती काश्यप को श्राविका रत्न का अलंकरण प्रदान करेगा। इस मौके पर सकल जैन श्रीसंघ एवं आमंर्तितजनों का स्वामी-वात्सल्य (सहभोज) भी आयोजित होगा ।

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