नवकार की सूर साधना ने आराधकों को किया भाव-विह्नल
राष्ट्रसन्तश्री ने बताई नवकार की महिमा
रतलाम 11 अगस्त (इ खबरटुडे)।नौ दिवसीय नवकार आराधना के दूसरे दिन जयन्तसेन धाम में सूरों के माध्यम से भावयात्रा के साथ नवकार महामंत्र का जाप किया गया। सूरों की साधना ने सभी आराधकों को भाव-विह्नल कर दिया ।
राष्ट्रसन्तश्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. ने नवकार की महिमा बताते हुए आराधकों से नौ दिन बाद भी उससे जुड़े रहने का आह्नान किया । सूरत के निमिष भाई राही मण्डल ने चार चरणों में नवकार की मालाएं जपवाकर वातावरण में आध्यात्मिकता घोल दी ।
राष्ट्रसन्तश्री ने कहा कि नवकार का जाप पापों का प्रक्षालन करने वाला है । पुण्योदय को प्रबल कर व्यक्ति को अपने आप से मिलाने वाला है । नवकार से एक बार नाता जुड़ जाए तो फिर कभी उसे तोडऩा नहीं । नवकार महामंत्र की साधना हर समय मदद करती है । आराधक घर, परिवार, व्यापार आदि सबकुछ छोडक़र नवकार महामंत्र के जाप में जुटे हैं । मंत्राधिराज नवकार से जुडा यह नाता कभी नहीं टूटना चाहिए ।
मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कहा कि नवकार का जाप संताप को दूर करता है । यह आंतरिक शत्रुओ पर विजय दिलवाने वाला और उन्नति की ओर अग्रसर करने वाला है । अहंकार जहां होता है, वहां नवकार नहीं होता और नवकार जहां होता है, वहां अहंकार भाग जाता है । नवकार महामंत्र के जाप से हमारी आंतरिक शुद्धि भी होती है और आसपास के वातावरण का भी शुद्धिकरण हो जाता है। उन्होंने आराधकों को अनुशासित होकर आराधना में जुटे रहने की सीख दी । सूरत से आए निमिष भाई राही ने संगीत की स्वर-लहरियों के साथ आराधकों को विभिन्न प्रकार की मुद्राओं में नवकार महामंत्र का आध्यात्मिक जाप करवाया । उन्होंने कहा वर्ष 1997 में जिनेवा परिषद् में नवकार महामंत्र को विश्व मंत्र के रुप में स्थापित किया गया था । यह मंत्र सर्वकालिक है, इसके प्रति सभी धर्मावलंबियों में अटूट श्रद्धा है । यादगार प्रस्तुतियों के लिए चातुर्मास आयोजक व विधायक चेतन्य काश्यप परिवार की ओर से नवयुवक परिषद् अध्यक्ष रमेशभाई धरु व वरिष्ठ आराधक महेन्द्र भाई ने श्री राही का शॉल, श्रीफल से अभिनन्दन किया। तपस्वी चन्द्रकांता गुगलिया का भी सम्मान किया गया । आराधकों द्वारा नवकार महामंत्र के जाप के साथ देववन्दन, नवकार आरती एवं प्रभु आरती भी की गई । दादा गुरुदेव की आरती का लाभ नरेन्द्र कुमार विजय कुमार चौरडिया बामनियावाले ने लिया।
सामूहिक एकासना का अद्भुत नजारा –
जयन्तसेन धाम में नवकार आराधक को दिनचर्या सुबह से शुरू हो जाती है । दिन में सिर्फ एक बार ही भोजन (एकासना) किया जाता है । सामूहिक एकासने के इस आयोजन का नजारा अद्भुत होता है । चातुर्मास आयोजक व विधायक चेतन्य काश्यप परिवार द्वारा 1800 आराधकों के लिए एकसाथ एकासने की व्यवस्था की गई है । विशाल पाण्डाल में 1 हजार आराधक एकसाथ बैठकर एकासना कर रहे हैं । सूर्योदय से सूर्यास्त तक आराधक उबला हुआ पानी पीते हैं, रात्रि में उनके द्वारा भोज्य एवं पेय पदार्थों का उपयोग नहीं किया जाता है ।
प्रतिष्ठांजनशलाका महामहोत्सव शुरू –
राष्ट्रसन्तश्री की निश्रा में जयन्तसेन धाम में प्रतिष्ठांजनशलाका महामहोत्सव शुरू हो गया । पहले दिन पंचकल्याणक पूजा, कुंभ स्थापना, अखण्ड दीपक स्थापना और जवारा रोपण के साथ नवग्रह, दशदिग्पाल, अष्टमंगल पाटला स्थापना की गई । 12 अगस्त को श्री आदिनाथ पंचकल्याणक पूजा, वैदि का पूजन व प्रभु प्रतिमा प्रवेश का आयोजन होगा । जिनमंदिर एवं गुरुमंदिर में प्रतिष्ठा महोत्सव 18 अगस्त को होगा। इस दौरान प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे।