November 23, 2024

अबू कासिम के खिलाफ ऑपरेशन में शहीद- उत्तर प्रदेश का जवान

श्रीनगर/मथुरा 29 अक्टूबर(इ खबरटुडे) । जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में बुधवार देर रात सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड अबू कासिम उर्फ अबुर रहमान मारा गया। कासिम उधमपुर में बीएसएफ बस पर हमले का मास्टरमाइंड भी था। उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए सेना ने बुधवार शाम बांडीपोर के जंगलों में एक बड़ा अभियान छेड़ा था। करीब 9 घंटे चली मुठभेड़ में मथुरा, गोवर्धन का लाल समोद सिंह शहीद हो गया।

पूरी तैयारी के साथ गई थी सेना
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के बहावलपुर के रहने वाले 28 वर्षीय कासिम और उसके एक सहयोगी के बांडीपोर कस्बे से करीब पांच किलोमीटर दूर बुठु के जंगल में छिपे होने की पुख्ता सूचना मिली। सेना की 14 आरआर और जे एंड के की एसओजी टीम ने कासिम को जिंदा या मुर्दा पकड़ने का विशेष अभियान छेड़ा। अभियान में सात पैरा कमांडो, हेलीकॉप्टर और खोजी कुतों की भी मदद ली गई।

समोद ने अस्पताल में तोड़ा दम
बुठु के जंगल में शाम करीब पौने पांच बजे सुरक्षा बलों को कुछ संदिग्ध गतिविधयां नजर आईं। जवानों ने चेतावनी देते हुए एतिहातन गोलियां चलाई और उसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान 14 आरआर के राइफलमैन समोद सिंह ने नजदीक जाकर आतंकियों पर फायर करने का प्रयास किया, लेकिन वह आतंकियों की गोली से घायल हो गया। उन्हें तुरंत श्रीनगर स्थित सेना के बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। समोद मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र के गांव भबनपुरा के रहने वाले थे।

गोवर्धन में शोक की लहर
गोवर्धन क्षेत्र के गांव भबनपुरा के रहने वाले 30 वर्षीय समोद करीब 12 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। बुधवार तड़के को परिजनों को समोद के शहीद होने की जानकारी मिली। खबर मिलते ही गांव भबनपुरा शोक में डूब गया। घर में माता-पिता और पत्नी सीमा बेसुध हो गई। मासूम दो बच्चों को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक घर में उदासी क्यों छा गई। परिवार में दो भाइयों में समोद छोटा था। बड़े भाई प्रमोद का कहना है कि समोद का शुरू से ही सेना में कुछ कर दिखाने का सपना था। आज देश के लिए शहीद होकर उसने वह कर दिखाया।

कई हमलों में शामिल था कासिम
कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक एसजे एम गिलानी ने बताया, सेना ने लश्कर के एक शीर्ष कमांडर अबू कासिम को कुलगाम जिले के खांदेपुरा में बुधवार देर रात मार गिराया है। बुठु जंगल में छिपे होने की जानकारी पर सेना ने उसकी घेरेबंदी की थी। करीब नौ घंटे चली मुठभेड़ के बाद अबू को खांदेपुरा में मार गिराया गया। यह एक बड़ी सफलता है, क्योंकि कासिम पिछले तीन साल में कश्मीर पर होने वाले लश्कर-ए-तैयबा के हमलों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संलिप्त था।

कासिम पर था 20 लाख का इनाम
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, अबू कासिम 5 अगस्त को उधमपुर हमले का मास्टरमाइंड था। इसके अलावा भी वह जम्मू कश्मीर पुलिस के आतंकरोधी दस्ते (सिट) के प्रभारी इंस्पेक्टर अल्ताफ अहमद की हत्या में शामिल था। अल्ताफ की 7 अगस्त को बांदीपुरा में हुई गोलीबारी में मौत हो गई थी। सेना और पुलिस को लंबे समय से अबू कासिम की तलाश थी। उस पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।

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