EWS आरक्षण पर हाईकोर्ट ने दिया झटका, आयु सीमा में नहीं मिलेगी छूट

EWS आरक्षण में शामिल लोगों को जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले युवाओं ने EWS आरक्षण के तहत आयु में छूट देने की मांग की थी।
जहां पर यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों ने याचिका दायर की थी कि संघ लोक सेवा आयोग ने EWS आरक्षण में शामिल होने के बाद भी उनको ओबीसी व एससी, एसटी की तरह ही आयु सीमा व परीक्षा में शामिल होने वाले अटेप्ट बढ़ाने की मांग की थी। जहां पर इस पर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए बुलाया था।
लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि ओबीसी व एससी, एसटी को सामाजिक रूप से पिछड़े होने के चलते आरक्षण दिया गया है, जबकि ईडब्ल्यूएस को आरक्षण आर्थिक तौर पर पिछड़ा होने के कारण आरक्षण दिया गया है।
ऐसे में दोनों ही स्थिति अलग अलग है। जहां पर सामाजिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को अलग-अलग परिस्थिति से होकर निकलना पड़ता है, इसलिए उनको परीक्षा में आयु के साथ नंबर ऑफ अटेम्प्ट में छूट दी जाती है।
इसलिए ईडब्ल्यूएस केवल आर्थिक रूप से पिछड़ा होता है, इसलिए उनको आयु व नंबर ऑफ अटेम्प्ट में छूट नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट के इस फैसले से लाखों युवाओं को झटका लगा है।
आपको बता दे कि सतना निवासी आदित्य नारायण पांडे सहित काफी लोगों ने हाईकोर्ट में यचिका दायर की थी कि केंद्र सरकार डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग तथा संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से ईडब्ल्यूएस वर्ग को दूसरी आरक्षण की कैैटेगरी की तरह आयु में छूट नहीं दी जा रही है।
इसके कारण काफी युवा परीक्षा से वंचित हो रहे है। इस पर जबलपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की बैंच ने इस मामले की सुनवाई की। जहां पर ईडब्ल्यूएस को अन्य आरक्षित वर्ग की तरह प्रतियोगी परीक्षा में आयु में छूट का लाभ देने से इंकार किया है।
हालांकि देश के जानेमाने अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट की बैंच के समक्ष दलील दी कि संविधान के 103 वें संशोधन में ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दिया गया है। इसलिए ईडब्ल्यूएस में शामिल लोगों को भी ओबीसी व एससी,एसटी की तरह आयु में छूट दी जाए। लेकिन हाईकोर्ट की बैंच ने इस दलील को मानने से मना कर दिया।