आठवें वेतन को लेकर आई नई खबर–रेल कर्मियों को भी जोखिम भत्ते के भुगतान पर विचार

New news regarding the eighth pay:आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को लेकर नई खबर आई है। लोकसभा सदन में दो सवाल पूछे गए हैं। पहला यह कि आयोग का कामकाज कब तक शुरु होगा और दूसरा आयोग के विचारार्थ विषय और सरकार को इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने की निर्धारित समय सीमा तत्संबंधी ब्योरा क्या है। इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करने का निर्णय लिया गया है।
लोकसभा सदस्य कंगना रनौत और साजदा अहमद ने सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर सवाल पूछा था। दोनों सांसदों ने पूछा कि क्या सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मियों के वेतन और पेंशन में संशोधन करने के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन किया है। जेसीएम के सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया कि सभी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए कम से कम पांच पदोन्नति होनी चाहिए।
रक्षा विभाग के सिविलियन कर्मचारी बहुत जोखिम भरे हालात में काम कर रहे हैं। आयुध निर्माणियों में आकस्मिक हादसे होते हैं। निगमीकरण के बाद कर्मचारियों के कल्याण की परिभाषा बदल रही है।
आठवें केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा सिफारिशें किए जाने और सरकार द्वारा उन्हें स्वीकार कर लिए जाने के बाद ही आठवें वेतन आयोग के प्रभाव का मूल्यांकन किया जा सकता है। विचारार्थ विषय पर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्यों सहित प्रमुख स्टेकहोल्डरों से इनपुट मांगे गए हैं। तीसरा, सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के स्तर पर केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की अनुमानित संख्या कितनी है, जिन्हें आठवें वेतन आयोग के गठन से लाभ पहुंचेगा। चौथा, क्या आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन से सरकार पर वित्तीय बोझ बढऩे की संभावना है।
आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करने का निर्णय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले सवाल के जवाब में बताया कि सरकार द्वारा आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करने का निर्णय लिया गया है। दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने बताया, इस संबंध में यथासमय पर निर्णय लिया जाएगा। तीसरे सवाल का उत्तर देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार के सिविलियन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों, परिवार के पेंशनधारकों की संख्या 36.57 लाख (एक मार्च 2025 की स्थिति के अनुसार) और 33.91 लाख (31 दिसंबर 2024 की स्थिति के अनुसार) है। रक्षा कार्मिक और पेंशनभोगी भी लाभान्वित होंगे। चौथे और पांचवें सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने बताया, आठवें वेतन आयोग द्वारा सिफारिशें किए जाने और सरकार द्वारा स्वीकार किए जाने पर, आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के वित्तीय निहितार्थ के बारे में पता चलेगा। छठे सवाल के जवाब में कहा कि विचारार्थ विषय पर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्यों सहित प्रमुख स्टेकहोल्डरों से इनपुट मांगे गए हैं। आठवें केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा सिफारिशें किए जाने और सरकार द्वारा उन्हें स्वीकार कर लिए जाने के बाद ही, आठवें वेतन आयोग के प्रभाव का मूल्यांकन किया जा सकता है।
आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर न्यूनतम वेतन तय किया जाए
आठवें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों के लिए कर्मचारी पक्ष ने कहा था कि जीवन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन तय किया जाए। कर्मचारी के लिए ऐसी स्थिति रहे कि जिसमें वह सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन कर सके। इस दौरान पुरानी पेंशन योजना की बहाली करने की मांग भी की गई है। संदर्भ शर्तों में रेलवे और रक्षा नागरिक कर्मचारियों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। इसके अलावा पेंशनभोगियों के मुद्दे और सीजीएचएस से जुड़े प्रावधान। इन्हें भी संदर्भ की शर्तों में शामिल करने की मांग की गई है। अन्य मांगों में विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों का वेतन, भत्ते, अन्य लाभ, सुविधाएं, सेवानिवृत्ति से जुड़े मुद्दे जैसे पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य टर्मिनल लाभ आदि की मौजूदा संरचना की जांच करना शामिल हैं।
15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश
पिछले 65 वर्षों में हुए विकास और जीवन आवश्यकताओं पर विचार करते हुए डॉ. अकरोयड फॉर्मूले में संशोधन के साथ-साथ न्यूनतम मजदूरी तय करने पर सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों पर भी विचार किया जाए। वर्ष 2019 में राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन नीति निर्धारित करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के अनुसार उपभोग इकाइयों को 03 परिवार इकाइयों से बढ़ाकर 3.6 परिवार इकाइयों तक बढ़ाने पर भी विचार किया जाए। यह भी संदर्भ शर्तों का हिस्सा बने। कर्मचारियों की तरफ से कहा गया है कि 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के संदर्भ में न्यूनतम वेतन को सभ्य और सम्मानजनक जीवनयापन वेतन के रूप में प्रदान करने के लिए वेतन संरचना, लाभ, सुविधाएं, सेवानिवृत्ति लाभ, कल्याण मामले का निर्धारण किया जाए।
जोखिम भत्ते के भुगतान पर विचार करें
भारतीय रेलवे में सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को जोखिम और कठिनाई भत्ते के भुगतान पर विचार करना। अत्यधिक, बारहमासी, जोखिम भरी और खतरनाक कामकाजी परिस्थितियों पर विचार करना, जिसके तहत रक्षा नागरिक कर्मचारी हथियारों, गोला-बारूद, रसायन, विस्फोटक और एसिड आदि के निर्माण व इसके भंडारण में शामिल होते हैं, इनके लिए एक विशेष जोखिम भत्ता, बीमा कवरेज की सिफारिश करना, मुआवजा आदि, ये भी संदर्भ शर्तों का हिस्सा बनें।