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Raag Ratlami BJP Team : फूल छाप की नई टीम में जगह पाने के लिए किए जा रहे है कई तरह के उपाय,जिले के मुखिया दे रहे हैैं इंतजार करने और धैर्य रखने की राय

रतलाम। बीते हफ्ते की शुरुआत ही फूल छाप पार्टी के मुखिया की दोबारा ताजपोशी की खबर से हुई थी। जैसी कि अटकलें लगाई जा रही थी कि जिले के मुखिया को दोबारा कमान दी जाएगी। ठीक वैसा ही हुआ। और कोई दावेदार भी सामने नहीं आया और फुल छाप पार्टी की रायशुमारी में भी ज्यादातर नेताओं ने उन्ही के नाम पर अपनी राय दी। नतीजतन फूल छाप पार्टी ने दोबारा से उन्ही के नाम का एलान कर दिया।

दोबारा एलान होने से अब पूरी फूल छाप पार्टी के कई सारे नेता मुखिया की टीम में जगह पाने की जुगाड में लग गए हैैं। फूल छाप के मुखिया पिछली बार जब मुखिया बने थे,उस वक्त लगातार चुनावों का मौसम था और इस वजह से वे अपनी नई टीम नहीं बना पाए थे। पुराने मुखिया की टींम से ही उन्हे अपना काम चलाना पडा था। उन्हे पहले कार्यकाल में ज्यादा वक्त भी नहीं मिल पाया था। लेकिन इस बार उन्हे पूरा वक्त मिलेगा। इसीलिए उन्हे अब जल्दी ही अपनी टीम भी बनानी होगी।

बस यही बात फूल छाप के नेताओं को दौड लगवा रही है। नेता जिले की टीम में कोई ना कोई पद हासिल करना चाहते हैैं और इसीलिए अपने अपने आकाओं को टटोल रहे है ताकि उनकी जगह पक्की हो सके। इतना ही नहीं,जैसे ही जिले के मुखिया की दोबारा से घोषणा हुई कई सारे नेताओं ने शहर भर में उनके पोस्टर और होर्डिंग लगवा दिए ताकि वे उनकी नजर में आ सके। शहर की कोई सडक़ ऐसी नहीं होगी जहां फूल छाप के किसी नेता ने पोस्टर होर्डिंग ना लगाए हो।

उनकी नियुक्ति को अब हफ्ता भर होने को आया है। अभी तो सूबे की राजधानी में उनकी सौजन्य मुलाकातें मंत्रियों से चल रही है। फूल छाप पार्टी में अंदर की खबर रखने वालों का कहना है कि जब तक प्रदेश के मुखिया की घोषणा नहीं होगी,तब तक जिले की नई टीम नहीं बनेगी और इसमें एक दो महीने लग सकते हैैं। इंतजार का ये वक्त उन नेताओं के लिए भारी गुजरेगा,जो टीम में जगह पाने की मशक्कत कर रहे हैैं। लेकिन उनके पास इंतजार के सिवा और कोई चारा नहीं है।

दूसरी तरफ दोबारा से जिले की कमान सम्हाल रहे नेताजी फिलहाल हर किसी को धैर्य रखने और इंतजार करने की सलाह दे रहे हैैं। उनके पास जो भी जाता है,उसे वे इंतजार करने की सलाह के साथ हल्की सी उम्मीद की किरण भी दे देते है। टीम में जगह पाने के तमन्नाई नेता,उनसे मिलने के बाद घण्टों तक इसी उलझन में रहते है कि उनकी बात का क्या मतलब निकाले।

कुल मिलाकर अगले दो या तीन महीनों तक जिले भर के नेताओं को इंतजार की तकलीफ झेलना है। इसके बाद ही खुश और नाराज होने का दौर चलेगा।

शहर के जवाहर नगर में फूल छाप पार्टी के बडे नेताजी के घर के सामने लम्बे इंतजार के बाद बनाई गई सडक़ को बनाने के बाद अब खोदा जा रहा है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि पहले सडक़ बनाई तो अब खुदाई क्यों की जा रही है। सडक़ के बनने में भी इलाके के लोगों ने कई महीनों तक तकलीफें झेली थी। पहले जब सडक़ बनाने के लिए खुदाई हुई थी,तो कई महीनों तक पूरा इलाका खुदा हुआ ही पडा रहा। सडक़ बनाने का काम ही शुरु नहीं हुआ। लम्बे इंतजार के बाद सडक़ बनाने का काम शुरु हुआ था,तो लोगों ने राहत की सांस ली थी कि चलों लम्बे इंतजार का फल एक अच्छी सडक़ के रुप में मिला है। अच्छी सडक़ पर आने जाने में सुïिवधा हो जाएगी।

लेकिन ये सुख थोडे ही दिनों के लिए रहा। नई बनाई ये कांक्रीट की सडक़ बनते ही उखडने लगी थी। ऐसे लगा जैसे सडक़ बनाने में सीमेंट की जगह राखोडा (राख) का उपयोग किया गया हो। सडक़ वाले महकमे को भी ये ध्यान में आ गया कि सडक़ सीमेन्ट की बजाय राख से बनाई गई नजर आ रही है।

बस फिर क्या था। सडक़ वाले महकमे ने ठेकेदार को दोबारा से सडक़ मरम्मत करने का फरमान जारी कर दिया। मरम्मत भी पूरी सडक़ उखाड कर करने को कहा गया। इसी का नतीजा है कि अब सडक़ की खुदाई की जा रही है। इस रोड से गुजरने वालो को जो चंद दिनों की सुविधा मिली थी,अब वह सुविधा दोबारा से कुछ दिनों के छिन जाएगी। आधी सडक़ खोदी जा चुकी है। यानी अब इस हिस्से पर चलना फिरना बन्द हो गया है।

नई सडक़ कब बनेगी कोई नहीं जानता। कोई भी महकमा कभी भी जनता को ये नहीं बताता कि काम पूरा कब होगा? बहरहाल,इस सडक़ से गुजरने वालों को अभी कई दिनों तक दिक्कतों का सामना करना पडेगा।

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