रतलाम जिले में बच्चों की निमोनिया से मृत्यु ना हो – प्रदीप उपाध्याय
सांस अभियान का शुभारंभ एम सी एच अस्पताल में किया गया
रतलाम,12 नवंबर (इ खबर टुडे)। जिले में बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु रोकने के लिए सांस SAANS (Social Awareness And Action To Neutralize Pneumonia Successfully )अभियान का आयोजन 12 नवंबर से 28 फरवरी तक किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ रतलाम जिले के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में जिला योजना समिति सदस्य एवं जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, जिला महामंत्री श्री निर्मल कटारिया, रोगी कल्याण समिति सदस्य गोविंद काकानी, श्री हेमंत राहोरी, श्री मनोहर पोरवाल, जिला जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय, सीएमएचओ डॉ आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन डॉ एम एस सागर, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ए पी सिंह, डॉ गौरव बोरीवाल, राकेश नागर, पी एस आई के प्रवींद्र कुमार एवं अन्य नर्सिंग स्टाफ आदि की उपस्थिति में किया गया।
शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहे हैं, इस क्रम में बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु को रोका जाना अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले सहित प्रत्येक स्तर पर बच्चों को मिलने वाली शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलना चाहिए, ताकि जिले में निमोनिया जैसी बीमारी से कोई मृत्यु ना हो। श्री निर्मल कटारिया ने बताया कि विभागीय योजना और कार्यक्रमों को मैदानी स्तर पर अमल में लाया जाना आवश्यक है। श्री मनोहर पोरवाल ने निमोनिया के संबंध में भ्रांतियां दूर करने की आवश्यकता बताई। श्री गोविंद काकानी द्वारा नर्सिंग स्टाफ से प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के दौरान निमोनिया से बचाव के लिए प्रश्न पूछे गए एवं काकानी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा नर्सिंग ऑफिसर आयुशी बैरागी और सोनी कुमारी को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के विषय में सिविल सर्जन डॉ एम एस सागर ने बताया कि रतलाम जिले के एसएनसीयू में नवजात शिशुओं को निमोनिया से बचाव के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं, सीएमएचओ डॉ आनंद चंदेलकर ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता संबंधी गतिविधियों की जाएगी और अंतर विभागीय समन्वय स्थापित करके कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की जाएगी।
कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ए पी सिंह ने बताया कि अभियान का लक्ष्य वर्ष 2025 तक 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु को 5.1 प्रति हजार जीवित जन्म से घटाकर 3 प्रति हजार जीवित जन्म तक लाना है। निमोनिया के प्रमुख लक्षण शिशु स्तनपान करने में असमर्थ, शिशु को दौरे पड़ने या झटके आना, तेज सांस चलना, 60 सांस प्रति मिनट या अधिक, गंभीर रूप से पसली धसना, बगल का तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा या छूने पर गरम लगना, बगल का तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस से कम या छूने पर ठंड लगना, बच्चा सुस्त या बेहोश आदि मुख्य है। निमोनिया से बचाव के लिए जिला अस्पताल सहित सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो, एवं उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा निमोनिया से बचाव के लिए इंजेक्शन एमपीसीलिन एवं इंजेक्शन जेंटामाइसिन के उपचार द्वारा निमोनिया से बचाव संबंधी प्रबंधन किया जाएगा। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रो पर पल्स ऑक्सीमीटर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।
मैदानी स्तर पर एएनएम अथवा सी एच ओ को निमोनिया के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर बचाव संबंधी गतिविधियों की जाएगी, इसके लिए संस्था स्तर एवं समुदाय स्तर आधारित प्रबंधन किया जाएगा। समस्त ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण स्वच्छता दिवस के अवसर पर शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण, निमोनिया से बचाव एवं लक्षणों की पहचान के संबंध में परिजनों को परामर्श एवं समझाइश, गृह भेट आधारित नवजात शिशु की देखभाल हेतु आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भ्रमण, एसएनसीयू से डिस्चार्ज समस्त शिशुओं का फॉलो अप एवं समस्त बच्चों का कुपोषण हेतु आवश्यक होने पर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करने, समस्त मृत शिशुओं का प्रथम संक्षिप्त जांच किया जाना आदि गतिविधियों की जाएगी। कार्यक्रम की रिपोर्टिंग के लिए मोबाइल एप्लीकेशन आधारित DSS टूल किट तैयार करके समुदाय में बच्चों का प्रोटोकॉल अनुसार आकलन एवं उचित प्रबंध किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन आशीष चौरसिया ने किया एवं अंत में आभार शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ए पी सिंह ने माना।