130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना; हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रयागराज,29 फरवरी (इ खबर टुडे )। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस दिव्यांगजन को उपकरण प्रदान करने के बाद उनको संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इस कानून का एक बहुत बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले दिव्यांगों की जो सात अलग-अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दिया गया। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर अलग-अलग भाषा होने पर भी दिव्यांगों को दिक्कतें होती थीं।पहले ये सोचा ही नहीं किया गया कि दिव्यांगों के लिए एक कॉमन साइन लैंग्वेज हो। हमारी सरकार ने इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की है। ये हमारी ही सरकार है जिसने सुगम्य भारत अभियान चलाकर देश भर की बड़ी सरकारी इमारतों को दिव्यांगों के लिए सुगम्य बनाने का संकल्प किया।
उन्होंने कहा कि संगमनगरी में आने के बाद असीम ऊर्जा का संचार होता है। करीब एक वर्ष पहले प्रयागराज में कुंभ के दौरान मुझे विशेष आशीर्वाद मिला था। यहां पर महाकुंभ के दौरान मैंने सफाईकर्मियों के पैर धोकर बड़ा आशीर्वाद प्राप्त किया। यह सभी महान कार्य में लगे थे, ऐसे लोगों का आशीर्वाद बेहद जरूर है। मुझे इनके चरण को धोने के साथ इनके बीच रहने का अनोखा अनुभव मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय, इस तरह के कैंप बहुत ही कम लगा करते थे और इस तरह के मेगा कैंप तो गिनती के होते थे। बीते 5 साल में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग इलाकों में करीब 9,000 कैंप लगवाए हैं। हमारी सरकार समाज के हर व्यक्ति के विकास के लिए, उसके जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रही है। 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है- स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां. न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः! यानि सरकार का ये दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो, हर व्यक्ति को न्याय मिले। यही सोच तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र का भी आधार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप वो समय भी याद करिए जब आपको सरकारी दफ्तरों, बस स्टैंड, अस्पताल, कोर्ट, कचहरी हर जगह जाने में दिक्कत होती थी। कुछ जगहों पर अलग रैंप बन जाता था, बाकी जगहों पर बहुत मुश्किल होती थी। बीते 4-5 वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। जो बची हुई हैं उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है। पिछली सरकार के पाँच साल में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ रुपए से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं।
उन्होंने कहा कि आज भी कुछ ऐसा ही सौभाग्य मुझे मां गंगा के तट पर प्राप्त हुआ है। प्रधानसेवक के तौर पर मुझे हजारों दिव्यांगजनों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अवसर मिला है। थोड़ी देर पहले यहां करीब 27,000 साथियों को उपकरण दिए गए हैं। बीते वर्ष संगमनगरी पूरी दुनिया में प्रयागराज की एक नई पहचान बनी। कुंभ में एक नई परंपरा नजर आई और उसे सफल करने वाले उन सफाई कर्मचारियों के चरण धोने का और मुझे इस महान सिद्धि को पाने वाले उन सफाई कर्मचारियों को नमन करने का अवसर मिला था। वो सफाई कर्मचारी जो ऐतिहासिक कुम्भ की पवित्रता बढ़ा रहे थें और जिनके परिश्रम और पुरुषार्थ के कारण पूरे विश्व में प्रयागराज के इस कुम्भ की स्वच्छता की चर्चा हुई। हर व्यकित का भला हो, सभी का विकास हो; यही तो हमारा सबका साथ, सबका विकास है। उन्होंने कहा कि तीर्थराज, प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है। बीते वर्ष फरवरी में मैं कुंभ के दौरान इस पवित्र धरती पर आया था। तब संगम में स्नान करके और उसके साथ-साथ मुझे एक और सौभाग्य मिला था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली से उड़ान भरी। वह 10.30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचे। पीएम मोदी पहुंचे प्रयागराज, सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी हेलीकॉप्टर से परेड मैदान पहुंचे।
प्रयागराज में दिव्यांगजनों का कुंभ विश्व में देगा बड़ा संदेश :योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के साथ अन्य सभी का स्वागत करने के साथ कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रयागराज में कुंभ का सफल आयोजन करने के बाद हम लोग लगातार प्रगति के पथ पर हैं। वह आज दिव्यांजनों के बीच पधारे हैं, उनके कारण ही इनको समाज की मुख्यधारा में आने का अवसर मिला है। प्रदेश में साढ़े दस लाख से अधिक दिव्यांगजन को पेंशन की राशि में इजाफा किया गया है। अब इनको मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदान की जा रही है। प्रयागराज में दिव्यांगजनों का यह महाकुंभ विश्व में बड़ा संदेश देगा।
शिविर में पीएम मोदी के संबोधन से पहले सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलौत ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हम लोग दिव्यांग तथा वृद्धजनों के काम में हम लोग आगे बढ़ते ही जा रहे हैं। हमने प्रयागराज में तीन नये विश्व रिकार्ड कल ही बनाया है। अब देश के सभी दिव्यांग तथा वृद्धजनों को हमने ऐसा परिचय पत्र प्रदान करने का काम शुरू कर दिया है, जिसका लाभ उनको देश के हर राज्य में मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संगमनगरी में आगमन को लेकर हर तरफ चौकसी है। पीएम मोदी प्रयागराज की धरती से लोगों को स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और समरसता का भी संदेश देंगे। परेड मैदान में वह 27 हजार दिव्यांगजन व वृद्धजन को उपकरण वितरण समारोह में शामिल होंगे। वह दस दिव्यांगजन को अपने हाथ से उपकरण देकर उनसे अलग से मन की बात भी करेंगे।
एक विश्व रिकार्ड में रात और दो सुबह बने, गिनीज बुक ने दर्ज किया
दिव्यांगजन को उपकरण वितरण समारोह में बनने वाले रिकार्ड दर्ज करने के लिए गिनीज बुक की टीम शुक्रवार को ही पहुंच गई थी। आयोजन की व्यवस्था कुछ ऐसी की गई थी कि एक रिकार्ड शुक्रवार रात में विश्व रिकार्ड बन गया। यह विश्व कीर्तिमान 1.8 किमी की ट्राई साइकिलों पर दिव्यांगजन की परेड का बना है। माघ मेला प्रशासन कार्यालय के सामने संगम वापसी मार्ग पर ठीक 1.8 किमी की ट्राई साइकिलों की लंबी परेड कराई गई। इस पर तीन सौ ही दिव्यांगजन बैठाए गए थे। यहां चलती हुई ट्राई साइकिलों की परेड की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई। लंदन से आई टीम ने इस रिकॉर्ड पर मुहर लगा दी। इसके बाद शनिवार सुबह छह सौ व्हील चेयर की सबसे लंबी परेड और लाइन का रिकॉर्ड बना। इसमें चार सौ व्हील चेयर शामिल थीं। जिस पर दिव्यांगजन बैठे रहेंगे। इसके बाद एक घंटे बाद छह सौ ट्राई साइकिलों के वितरण का विश्व कीर्तिमान परेड मैदान स्थित कार्यक्रम स्थल पर बना। इन तीनों विश्व रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र शनिवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम जारी करेगी।
परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में जो दिव्यांग जन और वृद्ध उपहार में मिले उपकरण घर तक नहीं ले जा पाएंगे, उनके उपकरण घर तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई है। प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है अगर दिव्यांग जन अपने घर तक उपकरण नहीं ले जा पा रहे हैं तो उसे पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी रहेगी। इसके अलावा आयोजन स्थल पर सभी दिव्यांग एवं वृद्ध जनों को ब्लॉक वार बैठाया जाएगा। जिससे उपकरण वितरित आसानी से हो सके।