December 25, 2024

हड़ताल के चलते दिल्ली के 400 पेट्रोल पंप बंद, केजरीवाल बोले- इसके पीछे BJP का हाथ

man pumping gasoline fuel in car at gas station

transportation and ownership concept - man pumping gasoline fuel in car at gas station

नई दिल्ली,22अक्टूबर(इ खबर टुडे)।पड़ोसी राज्य यूपी और हरियाणा में सस्ता डीजल-पेट्रोल होने से दिल्ली में बिक्री घटने से नाराज दिल्ली के पेट्रोल पंप संचालक सोमवार को हड़ताल पर रहेंगे। इसके चलते दिल्ली के करीब 400 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे। सीएनजी पंप भी बंद रहेंगे। पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है पड़ोसी राज्यों ने वैट घटाकर अपने यहां दरें कम कर दी हैं। यूपी की तुलना में दिल्ली में पेट्रोल करीब 3 रुपये और डीजल 2 रुपये से अधिक महंगा है।

इससे दिल्ली वाले भी उत्तर प्रदेश जाकर तेल भरवा जा रहे हैं। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि हम नहीं चाहते कि आम लोगों को परेशानी हो। दिल्ली सरकार ऐसा फॉर्मूला बनाए, जिससे कम से कम दिल्ली एनसीआर में पेट्रोल और डीजल के दामों में समानता हो।उधर, इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा और ‘आप’ ने एक दूसरे पर निशाना साधा है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- पेट्रोल पंप मालिकों ने मुझे निजी तौर पर बताया है कि यह हड़ताल भाजपा की ओर से प्रायोजित है। इसको तेल कंपनियों का समर्थन है। भाजपा के लोग पंप मालिकों को ऐसा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। भाजपा को जनता चुनाव में इसका जवाब देगी।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दोस्तों, भाइयों और बहनों दफ्तर जाने से पहले वाहन में पहले ही ईंधन भरवा लें, अन्यथा मेट्रो से सफर करें। डीटीसी की बसों का सामथ्र्य मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक तिहाई कर दिया है। काहे की जिद, 5 रुपये कम कर दो वैट पेट्रोल-डीजल पर।

ओला, ऊबर के खिलाफ आटो, टैक्सी का चक्का जाम
ओला, ऊबर को नियमित करने और उनका न्यूनतम किराया बढ़ाने समेत अलग-अलग मागों को लेकर बीते कई दिनों से राजघाट पर प्रदर्शन कर रहे आटो व टैक्सी चालकों ने सुनवाई नहीं होने पर सोमवार को चक्का जाम करेंगे। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले इसमें 15 से अधिक टैक्सी और आटो संगठन शामिल हो रहे है। ओला, उबर के साथ काम करने वाले टैक्सी चालकों के अलावा इसमें काली-पीली, रेडियो, इकोनामी टैक्सी और आटो भी शामिल हो रहे है। मोर्चा का आरोप है कि इन कंपनियों के न्यूनतम किराया आटो से भी कम है। इसके चलते आटो चालक बेरोजगार हो रहे है। टैक्सी चालकों को इन कंपनियों ने गुलाम बना रखा है। बंधुआ मजदूर की तरह उनसे काम करा रहे है और उनसे कमीशन ले रहे है।

इनकी मांग है कि सरकार इनका न्यूनतम किराया बढ़ाएं। कंपनियों ने जिन चालकों को ब्लॉक कर दिया है उन्हें दोबारा काम दें। बताते चले कि इस चक्का जाम में दिल्ली एनसीआर के अधिकांश संगठन शामिल हो रहे है। इसके चलते ओला-ऊबर के साथ दिल्ली एनसीआर में जुड़ी 60 हजार से अधिक टैक्सी के अलावा 95 हजार आटो सड़कों पर नहीं उतरेंगे। सिर्फ यही नहीं सोमवार को आल इंडिया टूरिस्ट परमिट (एआईटीपी) के ट्रांसपोर्टर्स ने भी सोमवार को सेवाएं बंद करा के संसद तक मार्च निकालने की तैयारी में है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds