RTI Order : सूचना के अधिकार का पालन नहीं करने पर नगर निगम के जलप्रदाय प्रभारी सिटी इंजीनियर और राशन कार्ड प्रभारी पर 25-25 हजार रु.के अर्थदण्ड का आदेश,जुर्माना नहीं चुकाने पर वेतन से होगी वसूली
रतलाम,24 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। RTI Order नगर निगम के अधिकारी आमतौर पर सूचना के अधिकार कानून की धज्जियां उडाने को तत्पर रहते हैैं। नगर निगम में सूचना के अधिकारि के तहत लगाए गए सैैंकडों आवेदन धूल खाते रहते हैैं,लेकिन अब राज्य सूचना आयोग ने दो अलग अलग मामलों में आरटीआई का पालन नहींकरने वाले सिटी इंजीनियर सुरेशचन्द्र व्यास और राशन कार्ड विभाग प्रभारी एपी सिंह पर पच्चीस पच्चीस हजार रु. का अर्थदण्ड लगाया है। आयोग ने निगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि यदि जुर्माने की राशि एक माह के भीतर नहीं दी जाती है,तो इस राशि की वसूली सम्बन्धित अधिकारियों के वेतन से की जाए।
उक्त दोनों आदेश राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्टिविस्ट नीतिराज सिंह राठौर द्वारा प्रस्तुत द्वितीय अपील की सुनवाई के बाद जारी किए। नीतिराज सिंह राठौर ने नगर निगम की यूआईडीएसएसएमटी के तहत पेयजल पाइप लाइन डालने की योजना से सम्बन्धित 20 बिन्दुओं की जानकारी मांगी थी। नीतिराज सिंह ने नगर निगम से जानना चाहा था कि यूआईडीएसएसएमटी के तहत डाली गई पेयजल पाइप लाइन में कुल कितना भुगतान किस संस्था को किया गया? पूर्णता प्रमाणपत्र किस अधिकारी ने जारी किया? नीतिराज सिंह के आवेदन में इसी प्रकार की अन्य जानकारियां मांगी गई थी। आरटीआई मेंलगाए गए इस आवेदन पर नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की थी। इस पर नीतिराज सिंह ने नगर निगम के अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत की थी। निगम के अपीलीय अधिकारी ने भी इस पर संतोषजनक कार्यवाही नहीं की,जिससे असंतुष्ट होकर नीतिराज सिंह ने राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत की।
राज्य सूचना आयुक्त डा. जी कृष्णमूर्ति ने अपील की सुनवाई के पश्चात तत्कालीन सम लोक सूचना अधिकारी नगर निगम के जलप्रदाय प्रभारी सुरेशचन्द्र व्यास को लोक सूचना अधिनियम के उल्लंघन का दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध 25 हडार रु. का अर्थदण्ड आरोपित किया है। अपने आदेश में राज्य सूचना आयुक्त ने कहा है कि आमतौर पर यह देखने में आया है कि दोषसिद्ध अधिकारी अर्थदण्ड अदा करने में जानबूझ कर देरी करते है और निर्धारित एक माह की समयावधि में अर्थदण्ड अदा नहीं करते। ऐसी स्थिति में सूचना आयोग ने निगम आयुक्त को निर्देशित किया है कि यदि एक माह की अवधि में श्री व्यास द्वारा अर्थदण्ड अदा नहीं किया जाता है,तो यह राशि उनके वेतन से काटी जाए और राशि को शासकीय कोष में जमा कराकर सूचना आयोग को इसकी सूचना दी जाए।
राज्य सूचना आयोग ने अपना दूसरा आदेश नगर निगम के राशन कार्ड विभाग प्रभारी एपी सिंह के विरुद्ध पारित किया है। एपी सिंह पर भी पच्चीस हजार रु. का अर्थदण्ड आरोपित किया गया है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम में करोडों का राशन कार्ड घोटाला सामने आने के बाद नीतिराज सिंह राठौर ने विगत 4 मई 2019 को राशन कार्ड विभाग की विभिन्न जानकारियां प्राप्त करने के लिए दस बिन्दुओं वाला आवेदन प्रस्तुत किया था। इस आवेदन के माध्यम से नीतिराज सिंह राठौर ने राशन कार्ड घोटाले से जुडी विभिन्न नस्तियों और पत्र व्यवहार की जानकारी मांगी थी। नगर निगम के अधिकारियों को डर था कि उक्त जानकारियां सामने आने से राशन घोटाले के नए तथ्य सामने आ सकते है। इसी वजह से उन्होने पहले तो मांगी गई जानकारियोंको प्रश्नवाचक बताते हुए जानकारियां देने से साफ इंकार कर दिया। नीतिराज सिंह द्वारा की गई प्रथम अपील को भी खारिज कर दिया गया।
इसके बाद श्री राठोर ने द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग में प्रस्तुत की। राज्य सूचना आयुक्त डा. जी कृष्णमूर्ति ने अपील का निराकरण करते हुए तत्कालीन सम लोक सूचना अधिकारी एवं राशन कार्ड विभाग प्रभारी एपी सिंह को लोक सूचना अधिकार कानून के उल्लंघन का दोषी पाया और उनके विरुद्ध पच्चीस हजार रु. का अर्थदण्ड आरोपित किया। इस मामले मेंं भी निगम आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि यदि एक माह की अवधि में अर्थदण्ड जमा नहीं कराया जाए,तो इसकी वसूली श्री एपी सिंह के वेतन से की जाए। उनकी सेवा पुस्तिका में भी इसकी टीप अंकित की जाए। राज्य सूचना आयोग ने नीतिराज सिंह द्वारा प्रस्तुत दोनो आवेदनों मेंचाही गई जानकारियां उन्हे निशुल्क उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैैं।