May 18, 2024

राम मंदिर के निर्माण के माध्यम से हम राष्ट्र मंदिर का निर्माण करें -विहिंप प्रांत संगठन मंत्री

रतलाम,24 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। रामजन्मभूमि की मुक्ति का इतिहास केवल 1947 अथवा 1992 से प्रारंभ नहीं होता है अपितु विदेशी मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीरबाँकी द्वारा सन 1527 में राम मंदिर का विध्वंस करके उस पर बाबरी ढाँचे के निर्माण से लेकर आज तक निरंतर संघर्षों और रक्तरंजित बलिदानों का इतिहास रहा है ।

बाबरी ढाँचे के निर्माण के पश्चात राष्ट्र के भिन्न भिन्न क्षेत्रों के संतो ने ,सम्प्रदायों ने ,राजाओं ने ,हिंदुओ के श्रद्धास्थल रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए सशस्त्र संघर्ष किया और पीढ़ी दर पीढ़ी सर्वस्व बलिदान दिया । 1947 के पश्चात स्वतंत्र भारत को यह अपेक्षा थी कि अब रामजन्मभूमि विदेशी आक्रमणकारियों के चिन्हों से मुक्त होकर भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा लेकिन हिंदू समाज को स्वतंत्र भारत में भी रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए बलिदान देना पड़ा ।

इस तरह 1527 से लेकर आज तक हजारों बलिदानियों के शौर्य और समर्पण से हम सभी यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि हम अपनी आँखों से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होते हुए देखें और मंदिर निर्माण में अपनी सहभागिता कर सकें । यह सौभाग्य विगत 500 वर्षों में केवल हमारी पीढ़ी को प्राप्त हुआ है अतः इस ऐतिहासिक क्षणों को अपने जीवन का उत्सव मानते हुए समस्त हिंदू समाज के साथ मिलकर राममंदिर निर्माण में प्रत्येक घर की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जुट जाना चाहिए ।

हमारा यह लक्ष्य होना चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के माध्यम से हम राष्ट्र मंदिर का निर्माण करें अर्थात भारत को एकजुटता के साथ समरसतायुक्त परम वैभव की ओर अग्रसर करें ।

उक्त विचार रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में आमंत्रित मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रान्त प्रचार प्रमुख श्री विनय दीक्षित ने अपने उदबोधन में व्यक्त किये । इस कार्यकर्ता सम्मेलन में राममंदिर निर्माण के अभियान की योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए बड़ी संख्या में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

प्रत्येक घर तक कार्यकर्ता की पहुँच और संपर्क के लिए टोली निर्माण से लेकर निधि संग्रह एवम ऐतिहासिक तथ्यों से परिपूर्ण साहित्य के वितरण की योजनाओं का स्वरूप विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री श्री नंद दास जी ने प्रस्तुत किया । इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक श्री तेजराम माँगरोदा मंचासीन रहे । उपरोक्त्त जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख डॉ. रत्नदीप निगम ने प्रदान की ।

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