सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जरूरी नहीं है आधार कार्ड बनवाना, EPFO के लिए हो सकेगा इस्तेमाल
नई दिल्ली 15 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। आधार कार्ड का सामाजिक लाभ की योजनाओं में इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल स्वैच्छिक ही होना चाहिए, अनिवार्य नहीं. पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इसके साथ ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं है और न ही इसके लिए कोई दबाव बनाया जा सकता है.
कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को आधार कार्ड का इस्तेमाल मनरेगा, पेंशन स्कीम, ईपीएफओ और प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत करने की इजाजत दे दी है, लेकिन इसके स्वैच्छिक रखने की बात कही है. कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड के इस्तेमाल के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है. न ही हर किसी के पास आधार कार्ड होना जरूरी है. यह पूरी तरह नागरिक की स्वेच्छा पर निर्भर होना चाहिए.
बड़ी बेंच करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें बैंक अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड के इस्तेमाल की इजाजत मांगी गई थी. आधार कार्ड के लिए जरूरी जानकारी और इससे संबंधित गोपनीयता के अधिकार के मामले में आगे 9 से 11 जजों की संवैधानिक बेंच अलग से सुनवाई करेगी.
दूसरी ओर, सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आधार कार्ड की योजना गरीब से गरीब व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए है. आरबीआई, सेबी, पीएफआरडीए ने मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत की अपील की थी.
कोर्ट का सख्त रवैया
बुधवार की तरह गुरुवार को भी आधार कार्ड की अनिवार्यता के मुद्दे पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाए रखा. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई आधार कार्ड पेश करने के लिए मजबूर करता है तो वह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का भागी होगा.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने आधार की अनिवार्यता और निजता के अधिकार के हनन का मसला विचार के लिए संवैधानिक पीठ को भेजते हुए अगस्त महीने में आधार के उपयोग पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने पहले एलपीजी सब्सिडी और पीडीएस योजना में ही आधार के स्वैच्छिक उपयोग की इजाजत दी थी.