November 14, 2024

सिख पंथ के दशमगुरु श्री गुरु गोविंद सिंघ जी महाराज के३५० वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य जागृति यात्रा १२ नवम्बर को

उज्जैन 10 नवम्बर(इ खबरटुडे)। सिख पंथ के दशमगुरु श्री गुरु गोविंद सिंघ जी महाराज के३५० वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में निकाली जा रही जागृति यात्रा के १२नवंबर को नगर आगमन पर उज्जैन सिख समाज ने स्वागत के लिये व्यापक तैयारियां की है।यह जानकारी देते हुए समाज अध्यक्ष स. सुरेन्द्रसिंह अरोरा और संयोजक स. इकबाल सिंह गांधी ने बताया कि जागृति यात्रा गुरु गोविंदसिंह जी की जन्म स्थली पटना साहिब से शुरू हुई आौर भारत के प्रमुख नगरों की यात्रा पर पुन: पटना साहिब पर समाप्त होगी।

जहां ५ जनवरी २०१७ का प्रकाशोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों का शंभारंभ होगा। जागृति यात्रा गुरुसाहिब के पवित्र शस्त्रों के साथ दुर्लभ हस्तलिखित श्री गुरुग्रंथ साहिब से सज्जित है जो उनके संत सिपाही व्यक्तित्व का परिचय कराती हुई भक्ति और शक्ति का संदेश दे रही है।

श्री अरोरा ने बताया कि जागृति यात्रा के दर्शन के लिये समाज जनों मेें विशेष उत्साह है। संयोग से प्रथमगुरुश्री गुरुनानक देव महाराज का प्रकाश उत्सव भी १२ नवंबर से १४ नवंबर तक मनाया जा रहा है। आपनेे बताया कि १२ नवंबर को १ बज ेगुरुद्वारा फी्रगंज से नगर कीर्तन के रूप मेेंं एक विशाल चल समारोह निकाला जाएगा जो विभिन्न मार्गो से होता हुआ सांय ५ बजे गुरुद्वारा दुध तलाई पर समाप्त होगा। जागति यात्रा का विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं संस्थाओं द्वारा पुष्प वर्षा से स्वागत किया जाएगा। इस अवसर पर गुरु के अटूट लंगर भी आयोजित किये गये हैं।

संयोजक श्री गांधी ने बताया कि मध्यप्रदेश में सबसे पहले उज्जैन को जागृति यात्रा के दर्शन का सौभाग्य मिला है। यह धर्म और संस्कृति की इस पुण्य नगरी का ही प्रताप है। इससे पूर्व वर्ष १९६७ में गुरुसाहिब के३०० वें गुरुपर्व पर उज्जैन मेें पवित्र शस्त्रों का शभ आगमन हुआ था। आपने समाजजनों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर जागृति यात्रा के दर्शन करने की अपील की है।

यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ती में देते हुए बताया विभिन्न गुरुद्वारा अध्यक्ष स.चरणजीतसिंह कालरा, स.गुरुदीपसिंह जूनेजा, स. पुरूषोत्तमसिंह चावला, स.महेन्द्रसिंह विग, खालसा हासे स्कूल अध्यक्ष्ज्ञ स.मस्तानसिंह छाबड़ा, मीडिया प्रभारी स.यू.एस. छाबड़ा सहित आदि लोगों ने धर्मप्राण जनता से अपील की है जागृति यात्रा का सम्मान अधिक से अधिक लोग उपस्थित होकर इस आयोजन को सफल बनाये।

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