सिंहस्थ टंकी खरीदी मामले की जाँच में ईओडब्ल्यू की पीएचई गोदाम पर दबिश
उज्जैन,19जनवरी(इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)।भाजपा कार्यकाल में सम्पन सिंहस्थ 2016 महाकुम्भ में की गई खरीदी और खरीदी में हुए घोटालो की जाँच की फाइल नई सरकार के आने के साथ ही खुलना शुरू हो गई है। ईओडब्ल्यू ने शुक्रवार को पीएचई द्वारा की गई टंकी खरीदी मामले में शिकायत पर पीएचई के गोदाम में जाकर जांच को अंजाम दिया है।
उज्जैन में वर्ष 2016 में सिंहस्थ महाकुम्भ का आयोजन हुआ था । इसी आयोजन में हर विभाग ने अपनी अपनी जरूरतों के अनुसार सामग्री की खरीदी की थी । इसी खरीदी में पीएचई नगर निगम उज्जैन ने भी 500से अधिक पानी की टंकियो की खरीदी की थी 2 हजार लिटर की टंकियो को करीब 14 हजार के रेट से ख़रीदा गया था ये खरीदी पीएचई के उपयंत्री मुकेश गर्ग के द्वारा सीधे तोर पर की गई थी। टंकियो को अभी तक जमा भी नही किया गया है ।
वही 135टंकी सिंहस्थ परियोजना में खरीदी गई जिसका भी हिसाब आज तक नही दिया गया |यह मामला विधानसभा में तत्कालीन विधायक अनिल फिरोजिया ने दिसंबर 2017 के सत्र में तारांकित प्रश्न क्रमांक 1648 से उठाया था। इसी को लेकर सिंहस्थ के बाद शिकायतकर्ताओं ने घोटाले का आरोप लगा कर मामले में ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी। भाजपा की सरकार में शिकायत ठंडे बस्ते में रही। सत्ता परिवर्तन में कांग्रेस की सरकार के आते ही , ईओडब्ल्यू ने इस पर पूरी शिद्दत से शिकायतों पर काम शुरू कर दिया। शुक्रवार को उज्जैन ईओडब्ल्यू की टीम ने टंकी घोटाले की शिकायत पर पीएचई के स्टाक गोदाम में दबिश दी और वहां रखी टंकी का स्टाक से मिलान किया, जिसमे खरीदी गई टंकियो से कम माल मिला , साथ ही टंकियो के स्टेंड भी कम पाए गए ।
ईओडब्ल्यू पुरे मामले में पीएचई के अधिकारियो के बयान ले रही है ।माना जा सकता है नई सरकार में सिंहस्थ घोटालों को लेकर ये पहली कार्यवाई है जिसमे घोटालो की पर्ते खुलने की सम्भावना मानी जा रही है।दरअसल 500 टंकियो की खरीदी का पूरा मामला है जिसमे ईओडब्ल्यू जाँच कर रहा है। खरीदी गई टंकियो की कीमत एक करोड से अधिक की है। ईओडब्ल्यू को करीब पांच शिकायतकर्ताओं ने शिकायत की थी ।इनमें तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वर्तमान तराना विधायक महेश परमार, एडवोकेट सोनल त्रिवेदी प्रमुख थे ।जिनके ईओडब्ल्यू ने बयान दर्ज कर शिकायत पर जांच शुरू की है।
ये है मामला-
सिंहस्थ में पेयजल के लिए पीएचई विभाग ने 500 टंकियां 2 हजार लीटर क्षमता की और उसके 400 लोहे के स्टेंड खरीदी की स्वीकृति ली थी।सिंहस्थ साधिकार समिति ने सशर्त अनुमति दी थी।जिसमें भंड़ार क्रय नियमों का पालन सख्ती से करने के आदेश थे।2015-16 में इसमें से 100 टंकी और इतने ही स्टेंड नियमानुसार खरीदे गए ।बाद में वर्ष 2016-17 में 400 टंकी और 300 स्टेंड खरीदी में नियमों को ताक में रख कर खरीदी किया जाना बताया गया।सिंहस्थ उपरांत सभी टंकियां स्टोर में जमा होना थी। इसके बदले आधी टंकियां और स्टेंड भी नहीं पहुंचे।
टंकियों और स्टेंड की बड़ी संख्या में चोरी होना बताया गया जिसकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं की गई।इस मामले में विभाग की और से वर्ष 2016 से नगर निगम सदन, विधानसभा को बराबर गुमराह किया जाने के पर इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने एक समिति से जांच गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। तीन सदस्यीय समिति में अधीक्षण यंत्री नगर निगम उज्जैन ,कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन और उपायुक्त नगर निगम उज्जैन को शामिल किया गया था।इस जांच में भी टंकियों की खरीदी में घोटाले की पुष्टि की गई ।