सिंहस्थ कार्यों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका ग्राह्य
राय और केंद्र के 31 पक्षकारों को न्यायालय का नोटिस जारी
उज्जैन 16 सितम्बर। सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर किये जा रहे कार्यों में अनियमितता राजनैतिक दखलअंदाजी, मास्टर प्लान के विपरित कार्य, समन्वय अभाव, असमंजस्य की स्थिति को लेकर मंथन परमार्थिक संस्था की ओर से याचिका उच्च न्यायालय इंदौर में दाखिल की गई थी। माननीय न्यायालय ने याचिका ग्राह्य करते हुए प्रमुख 9 मुद्दों पर म.प्र. और केंद्र सरकार के 31 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। अंतरिम आवेदन स्वीकार किया गया है।
सिंहस्थ निर्माण कार्यों को लेकर कई सारी स्थितियों पर संस्था अध्यक्ष बाकिर अली रंगवाला ने याचिका प्रस्तुत की थी इसमें बताया गया था कि सिंहस्थ की तैयारी में किये जा रहे कार्यों में अनियमितता की स्थिति बन रही है। राजनैतिक दखलअंदाजी है। मास्टर प्लान के विरूध्द कार्य किये जा रहे हैं। निर्माण एजेंसियों और अधिकारियों में सामंजस्य का अभाव है। इसी के साथ याचिकाकर्ता के अभिभाषकों ने न्यायालय के समक्ष अंतरिम आवेदन प्रस्तुत किया था इसमें बताया गया था कि प्रमुख चार मार्गों के चौड़ीकरण को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली केबिनेट में निर्णय लिया गया था। पुनरक्षित योजनान्तर्गत 4 मार्गों के चौड़ीकरण में अस्थाई अतिक्रमण हटाकर उपलब्ध स्थानों पर रोड चौड़ा कर निर्माण किया जाए। पुनरक्षित मार्ग के लिये जारी 40 में से 7 करोड़ वापस कर दिये गये। अस्थाई अतिक्रमण को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। मास्टर प्लान के अंतर्गत ऐसा हो रहा है या नहीं यह भी स्पष्ट