शहीद ने पत्नी को कहा था कश्मीर पहुंचकर करूंगा फोन, रास्ते में ही मौत ने रोक लिया
हावड़ा,15 फरवरी(इ खबरटुडे)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों में एक, जवान बाबला सांतरा (39), ग्रामीण हावड़ा के बाउडिया स्थित चक काशी गांव के रहने वाले थे। वह सीआरपीएफ के 35 नंबर बटालियन के जवान थे। घटना ने परिवार समेत पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। हमला होने से पहले ही उन्होंने अपनी पत्नी से कहा था कि कश्मीर पहुंचकर कॉल करेंगे लेकिन रास्ते में ही मौत ने रोक लिया।गुरुवार को जम्मू से कश्मीर जाने केक्रम में पत्नी मीता से बाबला की फोन पर बात हुई थी। कहा था कश्मीर पहुंचकर फोन करेंगे। फोन तो आया पर पति का नहीं बल्कि उनके सहकर्मी का, जिसने दुःखद घटना की जानकारी दी। बता दें कि छह माह के बात बाबला सेवानिवृत्त होने वाले थे। सेवानिवृत्ति के बाद घर पर कोई व्यवसाय शुरू कर आगे का जीवन गुजर-बसर करने को सोच रखा था। हालांकि बाबला के इस सोच को नफरत की आग ने जलाकर राख कर दिया।
शहीद के परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी व एक चार साल की बेटी है। तीन बहन और दो भाइयों में एक बाबला गरीबी से संघर्ष के बूते यहां तक पहुंचे थे। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। बेहद शांत व शालीन स्वभाव के रूप में परिचित थे। सीआरपीएफ में नौकरी मिलने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जे एंड के में हुई थी। जीवन का अंत भी उसी कश्मीर में ही हुआ। अब तक परिवार को इस घटना की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।