लगातार चौथी बार मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार
मुख्यमंत्री श्री चौहान की किसान हितैषी सोच को मिला सम्मान
कृषि क्षेत्र के विकास का नया रोडमेप तैयार
भोपाल,14 जनवरी(इ खबरटुडे)।खेती में किसानों की और ज्यादा उत्साहजनक भागीदारी के लिए मध्य प्रदेश ने नया रोडमेप तैयार कर लिया है। अगले साल किसानों को सहकारी बैंकों से 20 हजार करोड़ रूपयों के ऋण दिये जायेंगे। दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए 25 हजार हेक्टेयर में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने जैसी नवाचारी पहल की जायेगी।
वर्ष 2020 तक 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होने लगेगी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सभी जिलों के सिंचाई प्लान बनना शुरू हो गये हैं। किसानों को 86 प्रतिशत सब्सिडी पर सोलर पम्प उपलब्ध करवाये जायेंगे। मध्यप्रदेश की भंडारण क्षमता देश में सबसे ज्यादा है। वर्ष 2010-11 में भंडारण क्षमता 79 लाख मीट्रिक टन थी, जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 158 लाख मीट्रिक टन हो गई है।
खाद्यान्न उत्पादन बढा
प्रदेश में सभी खाद्यान्न का उत्पादन वर्ष 2014-15 में बढ़कर 320.43 लाख टन हो गया है। यह पिछले साल के खाद्यान्न उत्पादन 242.40 लाख टन से 32.19 प्रतिशत ज्यादा है। प्रदेश ने कृषि से जुड़े हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है। कृषि केबिनेट के कारण किसानों के हित में होने वाले फैसलों में तेजी आयी।
भरपूर सिंचाई
सबसे पहले प्रदेश ने कृषि के लिये जरूरी सिंचाई पर ध्यान दिया। वर्ष 2008-09 में सिंचाई 9.75 लाख हेक्टेयर में होती थी जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 32.29 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई है। सभी स्त्रोतों से वर्ष 2012-13 में कुल सिंचाई 89.65 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई थी, जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 102.48 लाख हेक्टेयर में हो गई है। कपिल धारा योजना में 27 हजार 448 कुओं का निर्माण हुआ है। तीसरी फसल का क्षेत्र वर्ष 2014-15 में बढ़कर 3.60 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी प्रकार पड़त भूमि वर्ष 2007 में 14.33 लाख हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2014-15 में घटकर 6.95 लाख हेक्टेयर रह गई है।
जैविक बीज उत्पादन में बनेगा देश का अग्रणी प्रदेश
जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए 40 हजार गाँवों में बीज गुणवत्ता कार्यक्रम चलाचा गया है। खेती में यंत्रों का उपयोग बढ़ाते हुए 200 गाँवों को यंत्रदूत गाँव बनाया गया है। इसके अलावा 16 जिलों के 32 विकास खंडों में जैविक खेती का कार्यक्रम बडे़ पैमाने पर लिया गया है।
किसानों की साख सुविधा बढ़ी
किसानों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से सहकारी बैंकों से उन्हें वर्ष 2014-15 में 13 हजार 598 करोड़ रूपये का लोन दिया गया। वर्ष 2010-11 में यह लोन राशि 5845 करोड़ रूपये थी। अब तक 78.85 लाख किसानों के पास क्रेडिट कार्ड की सुविधा है। सिर्फ वर्ष 2014-15 में ही 13.36 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाये गये हैं।
भरपूर बिजली
बीज उत्पादन के क्षेत्र में अनूठी पहल करते हुए 2400 बीज उत्पादक सहकारी समितियाँ बन गई हैं। इन समितियों के किसान सदस्यों ने वर्ष 2014-15 में 29.45 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन किया। इससे बीज की उपलब्धता बढ़ गई है। किसानों को दस घंटे बिजली मिल रही है। वर्ष 2014-15 में 4480 करोड़ रूपये की सब्सिडी उन्हें दी गई। उन्हें 6.33 लाख अस्थाई और 3.03 लाख स्थाई पम्प कनेक्शन दिये गये हैं। किसानों के पास आज भरपूर बिजली है। वर्ष 2014-15 में 16.1 बिलियन यूनिट बिजली किसानों के पास उपलब्ध थी।