November 2, 2024

रेलवे कालोनियों को बेचना चाहती है सरकार,मजदुर संघ करेगा विरोध-माहुरकर (देखे विडिओ )

रतलाम,20 जून (इ खबर टुडे)। रेलवे कॉलोनी को बेचकर सरकार रेल कर्मचारियों के परिवारों के साथ बहुत बड़ा अन्याय करने वाली है जो हम कभी भी नहीं होने देगेंं। सरकार रेलवे में निजीकरण लगातार बढ़ा रही है जिसका हम विरोध करते हैं। सरकार की मंशा केवल मालगाड़ी चलाने में है जहां से इन्हें पैसा मिले, जबकि यात्री गाड़ी ये दूसरे पर डालना चाहते हैं। हालाँकि केंद्र की मोदी सरकार का पिछला कार्यकाल रेल कर्मचारियों के लिहाज से संतोषजनक रहा है।
यह बात वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री और एनएफआईआर के उपाध्यक्ष जेजी माहुरकर ने गुरुवार को रतलाम में आॅफिसर्स क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के पत्र में यह रेलवे के समस्त 70 मंडलों को यह कहा है कि वे अपने-अपने मंडल में ऐसी रेलवे कॉलोनी चिन्हित करें जो पुरानी हो और कॉमर्शियल दृष्टि से उपयोगी हो।ऐसी कॉलोनी को त्याग कर वाणिज्यिक रूप से इनका दोहन करें। रेलवे सीधे कॉलोनी को खाली करवा रहा है बिना उनके पुर्नवास की व्यवस्था किए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे भारतीय सेनाओं से भी अधिक भूमि है और इसमें से अधिकांश लावारिस पड़ी है। रेलवे को यदि वाणिज्यिक इस्तेमाल करना है तो ऐसी भूमि का किया जाना चाहिए। इस संबंध में एनएफआईआर और डब्यूआरएमएस ने इसलिए हड़ताल नहीं की ताकि आम यात्रियों को सरकार और यूनियन के बीच की लड़ाई में परेशानी न झेलनी पड़े।

रेलवे को आम बजट में शामिल करना बड़ी भूल
श्री माहुरकर ने कहा कि रेलवे का बहुत तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। रेल कर्मचारियों की खराब हालत, विश्राम को अनदेखा कर अब सरकार आईआरसीटीसी को एक्सप्रेस गाड़ियां चलाने के लिए दे रही है। इससे प्रायवेट आॅपरेट गाड़ियां यात्रियों के लिए बहुत परेशानी का सबब बनेंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार कम से कम ऐसा सीधा दखल नहीं करती थी। उन्होंने रेल बजट को वित्तीय आम बजट में जोड़ने से भी रेल यात्रियों और कर्मचारियों को कम तवज्जो मिलने की बात कही। माहूरकर ने कहा ये एक बड़ी भूल है इससे रेलवे की मांगो पर चर्चा के लिए समय नही मिलता है। उन्हौने वित्त मंत्रालय को एक बड़ी बाधा बताते हुए कहा है कि कई मांगो को वित्त मंत्रालय ठंडे बस्ते में डाल देता है। श्री माहुरकर ने यूनियन की मान्यता संबंधी चुनाव की बात पर कहा कि वेस्टर्न रेलवे में मजदूर संघ काफी आगे रही है। परंतु इस बात सरकार नए संगठन को लाना चाहती है ।

संघर्ष कर दिलवाई ये सुविधा
उन्होने कहा कि रेलवे में प्रतिदिन आॅन ड्यूटी दो कर्मचारियो की मौत हो जाती है एवं 25 से अधिक घायल होते है। रेलवे कर्मचारियो एवं उनके हितो की लड़ाई के लिए लगातार उनका संगठन लड़ाई लड़ रहा है। इस दौरान माहुरकर ने एनएफआईआर द्वारा मना ली गई मांगो की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वेस्टर्न रेलवे के कर्मचारियों को जीडीपीए प्रमोशन का लाभ मिलेगा। इसके अलावा जोनल जीएनएम में रेलवे बजट के पहले कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं के लिए प्लान हेड में कम राशि आवंटित करने पर भी मांग रखी गई थी। इसपर जीएम ने राशि बढाने का आश्वासन दिया है। श्री माहुरकर ने कहा कि रेलवे में सफाई कर्मचारी भी अब परिवार के साथ एसी-3 में सफर कर सकता है यह भी लड़ाई का ही नतीजा है। इंटर जोनल ट्रांसफर और निजी रैफरल अस्पतालों की सौगात दिलवाने का श्रेय भी एनएफआईआर की सतत संघर्ष को जाता है। हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम बंद करने सहित अन्य कई ऐसे मुद्द हैं जिनपर अभी भी समन्वय नहीं बन सका है और इसके लिए कोशिश जारी है।

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