रतलाम-झाबुआ फोरलेन मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जारी,104 किलोमीटर होगी लंबाई
रतलाम,5 मई (इ खबरटुडे)। झाबुआ से रतलाम तक बनने वाले फोरलेन मार्ग के संबंध में आज नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया के अधिकारियों ने रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिनिधियों से विमर्श किया। अधिकारियों ने उनसे सुझाव प्राप्त किए। इस मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मार्ग 104 किलोमीटर लंबाई में बनेगा। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित एक बैठक में विधायक रतलाम ग्रामीण मथुरालाल डामर, सीईओ जिला पंचायत सोमेश मिश्रा, अपर कलेक्टर डॉ. कैलाश बुन्देला, एसडीएम रतलाम ग्रामीण श्रीमती नेहा भारती तथा रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न सरपंचगण व प्रमुख ग्रामीण प्रतिनिधि मौजूद थे।
करीब ढाई वर्ष में बनने वाला रतलाम-झाबुआ फोरलेन मार्ग झाबुआ बाइपास से आरंभ होकर रायपुरिया, पेटलावद होते हुए रतलाम के समीप सालाखेड़ी से होकर महु-नीमच फोरलेन से जुड़ जाएगा। इस मार्ग में रतलाम जिले के पलाश, छायन, मुंदड़ी, वझागर, तितरी, मालगौन, करमवी, सालाखेड़ी आदि प्रमुख ग्राम आ रहे हैं। एनएचएआई द्वारा इस मार्ग का निर्माण 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण कर लिए जाने पर प्रारंभ कर दिया जाएगा। बैठक में एनएचएआई के महाप्रबंधक भोपाल विवेक जायसवाल ने बताया कि फोरलेन 60 मीटर चौड़ा होगा। प्रयास किया गया है कि इस मार्ग के निर्माण में न्यूनतम मकानों को तोड़ना पड़े, फिर भी प्रत्येक किलोमीटर पर कम से कम चार-पांच मकान आएंगे। वझागर के पास टोल प्लाजा निर्मित होगा। रतलाम जिले में मार्ग का 42 किलोमीटर हिस्सा रहेगा। जरूरत के मुताबिक अंडर पास बनाए जाएंगे। सालाखेड़ी माही रीवर, तितरी आदि स्थानों पर अंडर पास बनेंगे। इस मार्ग में आने वाली कृषि भूमि, मकान, ट्यूबवेल, कुओं, पेड़ों इत्यादि संरचनाओं के लिए राजमार्ग भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत मुआवजा राशि दी जाएगी।
बैठक में विधायक मथुरालाल डामर ने इस बात पर जोर दिया कि मार्ग निर्माण में जिन किसानों की भूमि आती है या जिनके मकान या अन्य संरचनाएं आएंगी। उनको समूचित मुआवजा राशि समय-सीमा में मिले। ग्रामीणों को आवागमन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए। सीईओ जिला पंचायत सोमेश मिश्रा ने संबंधित पटवारियों को निर्देशित किया कि फोंरलेन मार्ग में आने वाले उनके क्षेत्रों में किन स्थानों पर पुल, पुलिया, अंडर पास बनने वाले है, उन स्थानों पर जाकर निरीक्षण करें। जहां सर्विस रोड़ चाहिए, वह स्थान भी देखे। बैठक में एनएचएआई के इंदौर प्रबंधक आर आर दाड़े भी उपस्थित थे।