December 24, 2024

रतलाम की बेशकीमती राजसम्पत्तियों खरीद फरोख्त पर रोक,एडीएम डॉ.बुन्देला ने इन्दौर व रतलाम के रजिस्ट्रार को दिए आदेश

ratlam palace

रतलाम,13 फरवरी (इ खबरटुडे)। रतलाम राजवंश की इन्दौर व रतलाम में स्थित बेशकीमती चल अचल सम्पत्तियों पर नजरें गडाए बैठे लोगों को झटका देते हुए एडीएम डॉ.कैलाश बुन्देला ने इन समस्त सम्पत्तियों की खरोद फरोख्त पर रोक लगा दी है। उन्होने इन्दौर तथा रतलाम के जिला पंजीयकों को इस आशय के निर्देश जारी कर दिए है। इस आदेश के जारी होने से रतलाम के रणजीत विलास पैलेस,लोकेन्द्र भवन और इन्दौर स्थित रतलाम कोठी जैसी बेशकीमती ऐतिहासिक धरोहरें सुरक्षित हो गई है।
उल्लेखनीय है कि रतलाम के अंतिम महाराज  लोकेन्द्र सिंह की निस्संतान मृत्यु होने के बाद में कई भू माफियाओं व अन्य लोगों ने तरह तरह के षडयंत्र कर इन सम्पत्तियों को हडपने की कोशिशें शुरु कर दी थी। बाद में विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों में इन समस्त सम्पत्तियों को मध्यप्रदेश शासन की सम्पत्तियां घोषित कर दिया गया था। न्यायालयीन प्रकरणों के दौरान अनुविभागीय दण्डाधिकारी रतलाम के न्यायालय में प्रचलित प्रकरण क्र.1332/93 में पारित आदेश दिनांक 11 दिसम्बर 1995 के अनुसार लोकेन्द्र भवन जैसी कुछ सम्पत्तियों को कुछ व्यक्तियों की सुपुर्दगी में इस शर्त पर दिया गया था कि वे न तो इसका क्रय विक्रय करेंगे और ना ही इसके स्वरुप में परिवर्तन करेंगे। सम्पत्तियों को सुपुर्दगी में दिए जाने के बाद पिछले काफी समय से इस तरह की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी कि जिन व्यक्तियों ने इन्हे सुपुर्दगी में लिया था  उन्होने कुछ सम्पत्तियों का विक्रय कर दिया है और कुछ सम्पत्तियों के स्वरुप में परिवर्तन कर उन्हे खुर्द बुर्द करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिले के अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डॉ.कैलाश बुन्देला ने इन सूचनाओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक आदेश पारित कर रतलाम राजवंश की समस्त चल अचल सम्पत्तियों के क्रय विक्रय पर रोक लगा दी है। इन्दौर व रतलाम के जिला पंजीयक को दिए गए आदेश में एडीएम डॉ.बुन्देला ने कहा है कि राजवंश की समस्त संपत्तियां वैधानिक रुप से मध्यप्रदेश शासन की है। इन सम्पत्तियों को कुछ व्यक्तियों को सुपुर्दगी में दिया गया था। सम्पत्तियों को सुपुर्दगी में लेने वाले व्यक्ति इन सम्पत्तियों को अवैधानिक रुप से बिना स्वत्व के क्रय विक्रय कर रहे हैं। डॉ.बुन्देला ने अपने आदेश में कहा है कि वर्तमान में एसडीएम शहर के न्यायालय में एसडीएम द्वारा दिनांक 11 दिसम्बर 1995 को पारित आदेश की अवमानना को लेकर प्रकरण क्र.624/2010 प्रचलित है। उल्लेखनीय है कि अवमानना का यह प्रकरण राजसम्पत्तियों को बचाने के लिए लम्बे समय से संघर्षरत संजय मूसले द्वारा दायर किया गया है।
एडीएम ने इन्दौर व रतलाम के जिला पंजीयकों को आदेशित किया है कि वे रतलाम राजवंश की किसी भी सम्पत्ति के क्रय विक्रय का पंजीयन नहीं करे। उन्हे यह भी आदेश दिया गया है कि यदि पूर्व में भी किसी सम्पत्ति का कोई पंजीयन हुआ हो तो पुन: उसका पंजीयन नहीं किया जाए। एडीएम ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी सम्पत्ति के मामले में किसी न्यायालय का कोई आदेश प्रस्तुत किया जाता है,तो सर्वप्रथम उक्त आदेश को एडीएम कार्यालय में प्रस्तुत कर मार्गदर्शन लिया जाए और तभी उस पर कोई कार्यवाही की जाए।

भू माफिया को जोर का झटका

उल्लेखनीय है कि एडीएम डॉ बुन्देला द्वारा जारी आदेश के बाद ऐतिहासिक धरोहर लोकेन्द्र भवन फिर से चर्चाओं में आ गया है। लोकेन्द्र भवन वर्तमान में शहर के चर्चित भू माफिया राजेन्द्र पितलिया के कब्जे में है और  सुपुर्दगी की शर्तों के विपरित इसमें व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। रतलाम की शान रहे रतलाम के राजमहल रंजीत विलैस पैलेस पर भी कब्जा कर इसके विक्रय के मन्सूबे बांधे जा रहे थे। एडीएम डॉ. बुन्देला का सोमवार को जारी आदेश ऐसे सभी लोगों के लिए जोर का झटका है। जानकार सूत्रों के मुताबिक  प्रशासन राजसम्पत्तियों का कब्जा लेने की दिशा में आगे बढ रहा है,ताकि नगर की इन प्राचीन एतिहासिक धरोहरों को पूर्णत: सुरक्षित किया जा सके।

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