रतलाम-इंदौर डेमू ट्रेन के समय में परिवर्तन कर रेल यात्रियों को एक बार फिर परेशानी में डाला
रतलाम,22 दिसंबर (इ खबर टुडे)। गैज कन्वर्सन के बाद रेल यात्रियों की मुसीबत को लेकर काफी शिकायते की गई है, उसके बाद सुविधा मिलने के बजाए यात्रियों की परेशानी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। अब रेल विभाग ने रतलाम से अम्बेडकर नगर के बीच चलने वाली 79310 डेमू ट्रेन का समय प्रात: 6 के बजाए प्रात: 5.25 बजे कर दिया है। यह ट्रेेन 7.55 पर इंदौर पहुंचेगी। यात्रियों को समझ में नहीं आ रहा है कि इस ट्रेन के समय में परिवर्तन क्यों और किसके इशारे पर किया गया है?रतलाम जागरूक मंच के अध्यक्ष पत्रकार शरद जोशी ने रेल प्रशासन की मनमानी की आलोचना करते हुए कहा कि इस समय परिवर्तन से दैनिक यात्रा करने वाले यात्रियों को कितनी परेशानी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। श्री जोशी ने आज इस परिवर्तन की सूचना क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया को फोन पर दी और उनसे आग्रह किया कि वह 1 सितंबर से परिवर्तित इस समय से उत्पन्न जनविरोध से रेल मंत्री को अवगत कराएं। रेल प्रशासन से नागरिकों ने मांग की थी कि प्रात: 6 बजे चलने वाली ट्रेन का समय परिवर्तन करके 6.30 से 7.30 के बीच किया जाए, ताकि अपडाउन करने वाले लोगों को इंदौर जाकर ज्यादा परेशानी न हो। व्यापारिक काम से लोग इंदौर जाते है।
अपडाउन भी प्रतिदिन सैकड़ों लोग करते है। इंदौर उच्चन्यायालय और न्यायालय काम से भी कई पक्षकारों को इंदौर जाना पड़ता है। सभी कार्यालय तथा व्यापार व्यवसाय इंदौर में 10 बजे बाद ही प्रारंभ होते है। ऐसे में करीब 8 बजे इंदौर पहुंचकर लोगों को समय व्यतित करना मुश्किल होगा।
श्री जोशी ने कहा कि प्रात: 5.15 बजे ट्रेन का समय किसी भी दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। दैनिक यात्री संघ ने तो इसका विरोध करने का निर्णय लिया ही है। कई व्यापारिक और सामाजिक संगठन भी इस परिवर्तन का व्यापक विरोध करने की तैयारी कर रहे है।
रतलाम से इंदौर के बीच व्यापारिक कार्यों से प्रतिदिन सैकड़ों लोग जाते है। उन्हें इस परिवर्तन से काफी परेशानी होगी। नई ट्रेन चलाने के बजाए इसी डेमू ट्रेन का समय परिवर्तित कर रेल प्रशासन यात्रियों को परेशान करना चाहता है। यह ट्रेन भी 8 डिब्बे की ट्रेन है, जिसमें भेड़-बकरी की तरह यात्रियों को आना-जाना पड़ता है। इस ट्रेन के बाद प्रात: 10 बजे इंदौर के लिए लोगों को ट्रेन मिलती है। इस गैप के चलते इंदौर जाने वाले यात्रियों को कितनी परेशानी होगी, रेल प्रशासन को इस बात का अंदाजा नहीं है।
रतलाम से इंदौर सड़क मार्ग (बस से) यात्रा करने वाले लोगों को काफी किराया देना पड़ता है। रेल ही सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सुलभ और व्यवहारिक यात्रा का माध्यम है, लेकिन पता नहीं क्यों हमारे जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या से आंखे मूंदे हुए है। देश की सबसे बड़ी पंचायत (संसद) की अध्यक्ष इंदौर में रहती है और व्यापारिक राजधानी भी मध्यप्रदेश की इंदौर है। ऐसे में रेल यात्रियों को सुविधा मिलने के बजाए निरंतर असुविधा ही हाथ लग रही है, जबकि इंदौर-रतलाम मंडल के तहत आता है और रतलाम मंडल मुख्यालय के लोगों को रेल यात्रा करने में परेशानी होती है, इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि रतलाम से कई क्षेत्रों के लिए ट्रेन संचालित शुरू से ही हो रही है। लेकिन रतलाम इंदौर के बीच ट्रेनों का अभाव है।
जब यह रूट मीटर गेज था तब रेल यात्रियों को काफी सुविधाएं थी। लोगों को लगने लगा था कि ब्राडगैज के बाद रेल सुविधा बढ़ेगी, लेकिन उनकी यह धारणा गलत साबित हो रही है।
रेल प्रशासन को चाहिए कि वह जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए डेमू ट्रेन के समय में परिवर्तन करें, या तो पूर्व के समान प्रात: 6 बजे इस ट्रेन को चलाए जाए या फिर 6.30 से 7.30 बजे के बीच इस ट्रेन को चलाकर रेल यत्रियों को सुविधा दी जाए। इस टेेे्रन में अपडाउन करने वालों में कई छात्र-छात्राएं भी है जो इंदौर के नजदीक स्टेशनों से प्रतिदिन अध्ययन के लिए इंदौर की यात्रा करते है। ऐसे में उनके सामने भी इंदौर जाने के लिए परेशानी होगी।