May 1, 2024

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी नजर आई भाजपा की गुटबाजी

म.प्र.वित्त आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी  नहीं बैठे मंच पर

रतलाम,19 अगस्त (इ खबरटुडे)। भाजपा में व्याप्त गुटबाजी को छुपाने की चाहे जितनी कोशिशें की जाए,वह नजर आ ही जाती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भी गुटबाजी को छुपाया ना जा सका और यह खुलकर सामने आई। आईटीआई परिसर में हुए आयोजन में जहां आयोजकों ने वित्त आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी की जानबूझकर उपेक्षा की,वहीं मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में उनका तीन बार उल्लेख किया।
उल्लेखनीय है कि अवैध कालोनियों को विकसित करने के लिए चार करोड रुपए की राशि देने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के अभिनन्दन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम पहले नगर निगम द्वारा आयोजित किया जाना था,लेकिन बाद में शहर विधायक चैतन्य काश्यप ने पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा की अध्यक्षता में अभिनन्दन समारोह समिति गठित कर यह पूरा आयोजन समिति द्वारा करवाने की घोषणा कर दी। शहर विधायक के इस कदम को भी महापौर डॉ.सुनीता यार्दे का वजन कम करने के रुप में देखा जा रहा था। हांलाकि महापौर डॉ.यार्दे ने इस सम्बन्ध में कोई टिप्पणी नहीं की थी।
भाजपा की गुटबाजी तब सामने आ गई थी,जब अभिनन्दन समारोह के कार्ड शहर में बांटे गए। अभिनन्दन समारोह समिति के इस कार्ड में म.प्र.वित्त आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी का कहीं कोई जिक्र नहीं था। मजेदार तथ्य यह भी था कि अभिनन्दन का यह कार्यक्रम भाजपा का कार्यक्रम था और भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के नाते भी हिम्मत कोठारी को बुलाया जाना चाहिए था। वैसे भी श्री कोठारी को वर्तमान में केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त है,और प्रोटोकाल के नाते भी उन्हे आयोजन में बुलाया जाना चाहिए था। लेकिन आयोजकों ने श्री कोठारी की जानबूझकर उपेक्षा करते हुए उन्हे इस आयोजन से दूर रखा था।
वित्त आयोग चैयरमेन श्री कोठारी भी इस तथ्य से अनजान नहीं थे,कि उनकी जानबूझकर उपेक्षा की जा रही है। नतीजा यह था कि श्री कोठारी मुख्यमंत्री की अगवानी करने हैलीपेड पर भी नहीं पंहुचे। आईटीआई मैदान में हुए आयोजन में वे सामान्य जनता के बीच में जाकर बैठ गए। आयोजकों ने जब श्री कोठारी को सामान्य जनता के बीच बैठे देखा,तब उन्होने श्री कोठारी को मंच पर बुलाया और पूर्व महापौर श्री डागा स्वयं उन्हे लेने भी गए,लेकिन श्री कोठारी ने मंच पर जाने से साफ इंकार कर दिया।
आयोजकों की स्थिति तब खराब हो गई,जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में ही प्रोटोकाल के क्रम से दूसरे ही नम्बर पर हिम्मत कोठारी का नाम पुकारा। इतना ही नहीं अपने सम्बोधन में शिवराज ने तीन बार श्री कोठारी के नाम का उल्लेख किया और उनका जिक्र सरकार में अपने सहयोगी के रुप में किया। बाद में नेहरु स्टेडियम पर हुए शासकीय आयोजन में श्री कोठारी को उनके पद के अनुरुप पूरा सम्मान दिया गया।
बहरहाल,इस घटनाक्रम के बाद भाजपा में व्याप्त गुटबाजी की चर्चाएं फिर से जोर पकडने लगी है।

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