मुंबई में शाह बोले- मोदी की बाढ़ के डर से सांप-नेवला-कुत्ता साथ चुनाव लड़ रहे
मुंबई/नई दिल्ली, 06 अप्रैल (इ खबरटुडे)। केंद्र के अलावा देश के कई राज्यों में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी आज अपना 39वां स्थापना दिवस मना रही है. बीजेपी अपने इस स्थापना दिवस का जश्न जोर-शोर से मना रही है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को मुंबई में एक बड़ी रैली को संबोधित किया. शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 संसदीय क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे.
रैली को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भारत के लोकतंत्र के इतिहास में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सबसे ज्यादा बलिदान दिया है. शाह ने अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को पार्टी का असली मालिक बताया. 38 साल पहले अटल जी ने मुंबई में बीजेपी की स्थापना की थी, तब उन्होंने कहा था कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा. आज पूरे देश में कमल खिला हुआ है.
विपक्ष में मोदी की बाढ़ का डर
अमित शाह ने कहा कि जब बाढ़ आती है तो हर जंगल में हर कोई पेड़ गिर जाता है और वट वृक्ष खड़ा रहता है. जब बाढ़ आती है तो सांप-कुत्ता-बिल्ली सब अपने आप को बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ जाते हैं. शाह ने कहा कि मोदी की बाढ़ के डर से सांप-नेवला-कुत्ता एक साथ होकर चुनाव लड़ रहे हैं. आज मोदी जी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार 20 से अधिक राज्यों में है. 2019 में एक बार फिर बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.
खुद चार पीढ़ी का हिसाब दें राहुल
शाह ने कहा कि हमारी पार्टी 10 सदस्यों से शुरू हुई थी, आज 11 करोड़ सदस्य हैं. पहले हमारे 2 लोकसभा सदस्य थे लेकिन आज अकेले दम पर बहुमत की सरकार चला रहे हैं. शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी भी राहुल जी, शरद पवार के साथ बैठते हैं. राहुल मोदी सरकार से साढ़े चार साल का हिसाब मांगते हैं लेकिन खुद की चार पीढ़ियों का हिसाब नहीं देते हैं.
शाह ने कहा कि कांग्रेस के शासन में किसान फसल के उचित दाम मांगते हुए थक गए लेकिन कभी उन्हें हक नहीं मिला. बीजेपी ने किसानों को डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि राहुल बाबा का समझ नहीं है कि सर्जिकल स्ट्राइक से देश को देखने का नज़रिया बदला है. शाह ने कहा कि राहुल गांधी हमारे बारे में झूठ फैला रहे हैं. बीजेपी कभी आरक्षण को नहीं हटाएगी और ना ही किसी को हटाने देगी. विपक्ष ने संसद को नहीं चलने दिया, लेकिन हम संसद के अंदर और संसद के बाहर चर्चा के लिए तैयार है.
मुंबई में आयोजित इस रैली में बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने शिरकत की. कार्यक्रम की शुरुआत में बीजेपी के बड़े नेताओं के भाषण की वीडियो सुनाई गई, इसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन, गोपीनाथ मुंडे समेत कई नेताओं के भाषण सुनाए गए. इस रैली को बीजेपी की तरफ से मिशन 2019 का बिगुल फूंकना भी बताया जा रहा है.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस रैली में करीब 3 लाख कार्यकर्ता शामिल हुए. इसके लिए 28 ट्रेन, 5000 बसों से कार्यकर्ता देश के कई हिस्सों से मुंबई पहुंचे हैं. रैली को संबोधित करने के बाद अमित शाह यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं.
गडकरी ने भी किया रैली को संबोधित
रैली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आज मुझे अटल जी के उस भाषण की याद आ रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि अंधेरा छटेगा, सूरज उगेगा और कमल खिलेगा. उन्होंने कहा कि मोहम्मद करीम छगला जी ने अटल जी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी. जब हम जनता पार्टी से अलग हुए तो हमने राष्ट्रवाद की नीति पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी बनाई. आज मां-बेटे की पार्टी पूरी तरह से निराश है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को बधाई दी. पीएम मोदी ने इस दौरान एक वीडियो भी ट्वीट किया. पीएम मोदी के अलावा अमित शाह ने भी कार्यकर्ताओं को बधाई दी.
कार्यकर्ताओं को नमो मंत्र
पार्टी के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 संसदीय क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे. पीएम कार्यकर्ताओं से नमो ऐप के जरिए बात करेंगे. इन 5 संसदीय क्षेत्रों में नई दिल्ली, उत्तरी-पूर्वी दिल्ली, उत्तरी मध्य मुंबई, हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) और सारण (बिहार) की शामिल है.
नई दिल्ली और उत्तरी-पूर्वी दिल्ली से क्रमशः मीनाक्षी लेखी और दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष और भोजपुरी फिल्म स्टार मनोज तिवारी सांसद हैं. जबकि उत्तरी मध्य मुंबई से बीजेपी युवा मोर्चा की अध्यक्ष और प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन सांसद हैं.
वहीं, हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से बीजेपी के ही अनुराग ठाकुर, बिहार की सारण लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी सांसद हैं. प्रधानमंत्री मोदी इन पांचों लोकसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के साथ मोदी ऐप के माध्यम से बातचीत करेंगे.
कब हुई थी स्थापना?
गौरतलब है कि आपातकाल के दौरान भारतीय जनसंघ और दूसरे राजनीतिक दलों ने महागठबंधन किया और जनता पार्टी का जन्म हुआ था. जनता पार्टी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों के खिलाफ चुनाव लड़ा और पार्टी को बड़ी जीत मिली थी.
लेकिन जनता पार्टी में आंतरिक कलह पैदा हो गई और जनता पार्टी की सरकार अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सकी. इसके बाद जनसंघ जनता पार्टी से अलग हो गई. 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी का गठन हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी के पहले अध्यक्ष बने.
कुछ ऐसे आगे बढ़ा सफर – (आम चुनाव)
1984 चुनाव – 2 सीटें
1989 चुनाव – 85 सीटें
1991 चुनाव – 120 सीटें
1996 चुनाव – 161 सीटें
1998 चुनाव – 182 सीटें
1999 चुनाव – 182 सीटें
2004 चुनाव – 138 सीटें
2009 चुनाव – 116 सीटें
2014 चुनाव – 282 सीटें