महाकाल को सबसे पहले राखी बंधी,शाम को सवारी में दो स्वरूप में दिए श्रद्धालुओं को दर्शन
उज्जैन,03 अगस्त (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। भाई बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्रेम का प्रतीक त्योहार रक्षाबंधन सोमवार को उमंग और उत्साह के साथ भूतभावन बाबा महाकाल के दरबार में सबसे पहले मनाया गया।
इस दौरान 11 हजार लड्डूओं का भोग लगाया गया।इसके बाद अपरांन्ह में भगवान के श्रावण मास की अंतिम सवारी में दो स्वरूपों के श्रद्धालुओं को टीवी और अन्य माध्यमों से लाईव दर्शन हो सके ।
सोमवार सुबह भस्म आरती में राजाधिराज बाबा महाकाल को उज्जैन सहित अखिल लोक की ओर से परंपरानुसार पुजारी परिवार की महिलाओं एवं पुजारियों ने राखी अर्पित की । इस दौरान उज्जैन सहित पूरी दुनिया को कोरोना महामारी के संकट से बचाने की प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर भगवान महाकाल के दरबार को खास तौर पर राखीनुमा कागज के फूलों से सजाकर मन्दिर का मनोहारी श्रृंगार किया गया ।सुबह हुई परंपरागत भस्म आरती में बाबा महाकाल को राखी अर्पित कर पुजारी परिवार की और से परंपरागत 11 हजार लड्डुओं का भोग लगाया गया। हालांकि कोरोना गाइडलाईन के कारण भक्त बाबा की भस्मारती में शामिल नहीं हो सके। भस्मार्ती से पहले बाबा का हरिओम जल स्नान हुआ।बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक किया गया औऱ भस्म आरती हुई।