महाकाल की चौथी सवारी रेड-ब्लू कारपेट पर दो ही स्वरूप में निकली
उज्जैन,27 जुलाई (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। उज्जैन श्रावण मास के चौथे सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ पूरे नए मार्ग पर रेड-ब्लू कारपेट पर निकाली गई। कोरोना संक्रमण के चलते सवारी के छोटे स्वरूप को बनाए रखने के लिए चौथी सवारी में भी भगवान के चंद्रमोलेश्वर और मनमहेश स्वरूप को ही निकाला गया।
सवारी निकलने के पूर्व सभा मंडप में परंपरानुसार भगवान चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन किया गया। पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। संपूर्ण सभामंडप भगवान के जयकारों से गुंज उठा। पूजन के उपरांत जैसे ही पालकी मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई। सवारी में भगवान पालकी में चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप तथा हाथी पर मनमहेश स्वरूप में विराजित थे।
संपूर्ण सवारी मार्ग लाल एवं नीले कारपेट से सुसज्जित किया जाकर सुन्दर ध्वजाओं से आच्छादित पूरे मार्ग को श्री कुंज बिहारी पण्ड्या जी की टीम द्वारा आल्हादित करती बडे आकार की रंगोली बनाई गई जो राणा जी की छत्री तक अपनी छटा बिखेर रही थी।
सवारी मार्ग में दो स्थानों बडे गणेश मंदिर एवं हरसिद्धी मंदिर पर पूजन-अर्चन किया गया। विभिन्न स्थानों राणा जी छत्री, हरसिद्धी देवी मंदिर से सवारी के जीवंत दर्शन की उद्घोषणा व ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, विरासत का आंखोंदेखा हाल उद्घोषकों ने किया । हरसिद्धी मंदिर पर अनूठी पुष्प वर्षा ने सबका मन मोह लिया। सवारी बडा गणेश मंदिर व हरसिद्धि मंदिर चौराहा, नृसिंह घाट मार्ग, सिद्धाश्रम के सामने से होकर रामघाट पहुंची।
वहां पर मॉ क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का अभिषेक किया गया तदोपरांत सवारी रामानुज कोट, हरसिद्धि पाल, हरसिद्धि मंदिर के सामने से होकर पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।प्रशासन एवं मदिर प्रबंध समिति द्वारा भगवान की सवारी के सुलभ दर्शन हेतु की गई व्यवस्था अंतर्गत सभी् इलेक्ट्रानिक माध्यम, मंदिर की वेबसाइट, महाकाल ऐप, फेसबुक पेज व ट्विटर आदि के साथ ही सभी स्थानीय चैनलों ने सवारी का सीधा प्रसारण किया।