December 24, 2024

महाकाल की चौथी सवारी में उमा- महेश स्वरूप के दर्शन

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उज्जैन,31 जुलाई (इ खबरटुडे)।भगवान महाकाल श्रावण माह के चौथे सोमवार को राजसी ठाट-बाट के साथ श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।भगवान महाकाल ने अपनी प्रजा को चतुर्थ सवारी में चार रूपों में दर्शन दिये। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन करने के बाद निर्धारित समय से भगवान महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया।
चतुर्थ सवारी में भगवान महाकाल उमामहेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये। रजतजडित पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर विराजित थे और हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव की प्रतिमा और नंदी रथ पर श्री उमामहेश विराजित थे। इस प्रकार चौथी सवारी में भगवान महाकाल ने चार रूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिये। भगवान महाकाल पांचवी सवारी सोमवार 7 अगस्त को निकलेगी। छटवी सवारी सोमवार 14 अगस्त को और अंतिम शाही सवारी सोमवार 21 अगस्त को नगर भ्रमण पर राजसी ठाट-बाट के साथ निकलेगी।
सभामंडप में पूजा-अर्चना ऊर्जा मंत्री पारस जैन, माखनसिंह, म.प्र.जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डे, अखिल भारतीय अखाडा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरी, लोकायुक्त डी.जी.पी. अनिल कुमार श्रीवास्तव, डी.आई.जी. डॉ.रमणसिंह सिकरवार, इन्दौर अपर आयुक्त आनंद शर्मा, कलेक्टर संकेत भोंडवे, पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर आदि उपस्थित थे।

महाकाल मंदिर से जैसे ही पालकी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा सलामी दी गई। पालकी के आगे घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थीं। राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में हजारों भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा विभिन्न भजन मंडलियां झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु पालकी में विराजित चन्द्रमोलेश्वर के दर्शन के लिए खडे थे जैसे ही पालकी उनके सामने से निकली वैसे ही भगवान के गुणगान एवं पुष्प वर्षा कर अपने आपको श्रृद्धालु धन्य मान रहे थे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची जहां पर क्षिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। रामघाट पर पूजा-अर्चना के बाद सवारी अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंची।

-रामघाट पर पूजन
श्रावण मास के चौथे सोमवार भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी बैण्ड-बाजों, हाथी-घोड़ों एवं कड़ाबीन के धमाके के साथ रामघाट पहुंची। रामघाट पर मां शिप्रा के पवित्र जल से भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन हुआ।भगवान महाकालेश्वर की पालकी के दर्शन करने के लिये रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, रामानुकोट से रामघाट तक हजारों श्रद्धालु भक्तिभाव से खड़े थे। जैसे ही पालकी घाट पर पहुंची, ‘जय महाकाल’ के उद्घोष से घाट गुंजायमान हो गया। पुलिस बैण्ड द्वारा मधुर भजनों के धुनों की प्रस्तुति से श्रद्धालु भावविभोर हो गये। रामघाट पर विश्राम देकर पालकी में विराजित उमामहेश की मूर्ति का पूजन-अर्चन कर पुरोहितों द्वारा आरती की गई।

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