June 26, 2024

मप्र-छग में देश की सबसे ज्यादा बेनामी संपत्तियों का खुलासा

भोपाल,28 जून (इ खबरटुडे)। आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में अपनी छानबीन और छापामारी के बाद देश में सबसे ज्यादा 325 बेनामी संपत्तियों का पर्दाफाश किया है। मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान, मुंबई और गुजरात का नंबर है। विभाग ने जो प्रापर्टी अटैच की हैं, उनमें आईएएस अफसर, कारोबारी और कतिपय राजनेता भी हैं जिन्होंने दूसरों के नाम पर करोड़ों रुपए मूल्य की संपत्तियां खरीदी हैं। संपत्तियों की मौजूदा कीमत 200 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है।

मप्र-छग में पिछले सवा साल की छानबीन में ये बेशकीमती संपत्तियां उजागर हुई हैं। सूत्रों का दावा है कि और भी मामले छानबीन में हैं, पुख्ता सुबूत व साक्ष्य के बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। ये सभी कार्रवाई बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन) अमेंडमेंट एक्ट 2016 के तहत की गई हैं। विभागीय अफसरों का कहना है कि नवंबर 2016 में अधिनियम आया, उसके दो-तीन महीने बाद दोनों राज्यों में बेनामी यूनिट की टीम ने अपना काम शुरू किया। सवा साल के नतीजे उत्साहजनक रहे।

आईएएस अफसर व कारोबारी ज्यादा –
अपने कालेधन को किसी दूसरे फर्जी व्यक्ति के नाम पर निवेश करने वालों में आईएएस अफसर, कारोबारी और टेक्नोक्रेट के नाम भी हैं। इनमें कतिपय कारोबारियों का राजनीतिक रसूख भी सामने आया है। पूर्व आईएएस अफसर अरविंद जोशी, एमए खान एवं सेवकराम भारती व टेक्नोक्रेट पीके सरैया के मामले भी हैं। कारोबारियों में संतोष रमतानी (सुरभि ग्रुप), पवन अहलूवालिया, एमवाय चौधरी, धीरू गौड़ (काल्पनिक नाम), भाटिया एनर्जी (छग), अजय सोनी व नितिन अग्रवाल (छग), मनीषहेमलता सरावगी एवं सुशील वासवानी जैसे नाम प्रमुख हैं।

छापे में मिले सुराग –
शिकायतें, विभाग की खुफिया जानकारियां और छापे-सर्वे के दौरान मिले सुराग के आधार पर हुई पड़ताल में ये मामले सामने आए हैं। कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें ज्यादा शानो-शौकत का प्रदर्शन भी छानबीन का कारण बना। टैक्स चोरी और नंबर दो की संपत्ति निवेश के अलावा आदिवासियों की जमीन फर्जी लोगों के नाम पर खरीदना भी दिखाया गया। 200 एकड़ जमीन, प्रीमियम बंगले और करीब डेढ़ दर्जन बेशकीमती प्लॉट भी अटैच किए गए हैं। इनमें नियम के तहत कार्रवाई की गई है।

बेनामी संपत्तियों में राज्यों का क्रम –
मप्र-छग – 325
राजस्थान – 202
महाराष्ट्र – 180
सात साल तक की सजा
आयकर विभाग की बेनामी यूनिट ने सभी 325 संपत्तियों को प्रॉविजनल अटैचमेंट कर दिल्ली स्थिति एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी को ब्योरा भेजा है, जहां जल्दी ही कानूनी औपचारिकताओं और निर्णय के बाद इन्हें राजसात कर दिया जाएगा। दोषी पाए जाने पर बेनामीदार को धारा 53 के तहत 1 से 7 साल तक की सजा भी हो सकती है।

इन शहरों में मिली संपत्तियां –
भोपाल, कटनी, सतना, ग्वालियर, जबलपुर, पन्नाा, रायगढ़ (छग) के अलावा कुछ बेनामी संपत्तियां फरीदाबाद (हरियाणा) में भी मिली हैं।

अंतिम निर्णय बाकी मप्र-छग में बेनामी यूनिट की कार्रवाई में सवा साल के दौरान 325 बेनामी संपत्तियां अटैच हुई हैं। इन सभी संपत्तियों की बाजार कीमत 200 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इन सभी मामलों में अंतिम निर्णय होना बाकी है।
आरके पालीवाल, प्रधान निदेशक आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग, भोपाल

You may have missed