मध्य प्रदेश के कई इलाकों में CAA का विरोध, जबलपुर में 40 पुलिस जवानों के घायल होने की सूचना
भोपाल,20 दिसंबर (इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित, जबलपुर, उज्जैन और राजगढ़ में सीएए और एनआरसी को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान भोपाल और जबलपुर में स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को भीड़ को खदेड़ना पड़ा। जबलपुर में 40 पुलिसकर्मी घायल होने की खबर है। भोपाल में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
भोपाल में जुमे की नमाज के बाद बुधवारा इलाके में भीड़ जुटना शुरू हो गई। कुछ ही देर में यहां करीब 10 हजार लोग जमा हो गए। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बढ़ती नारेबाजी को देख पुलिस ने सख्ती से भीड़ को खदेड़ना पड़ा। भोपाल शहर काजी ने पहले ही प्रदर्शन न करने की बात कही थी, लेकिन उनकी समझाइश को दरकिनार कर लोग यहां जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलने के बाद कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त और मुस्लिम नेता भी लोगों को समझाने के लिए वहां पहुंच गए हैं।
जबलपुर में घायल पुलिसकर्मी
मोती मस्जिद के सामने से बड़ी संख्या में लोगों का आना जारी रहा। यह बात भी सामने आ रही है कि भोपाल के विभिन्न क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। भोपाल नगर निगम के फायर स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है। कुछ लोगों को मोबाइल कंपनियों की ओर से मैसेज मिले हैं, जिसमें संदेश दिया गया है कि 21 दिसंबर दोपहर 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।
उज्जैन में भी सीएए के विरोध में हजारों की संख्या में जुटे लोग
उज्जैन में भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बड़ा प्रदर्शन हुआ, यहां हजारों की संख्या में लोग जुटे, यहां शांतिपूर्ण तरीके से कानून का विरोध किया गया। राजगढ़ में भी एहतियात के तौर पर पुलिस ने मुख्य इलाकों में फ्लैग मार्च किया। पूरे मध्य प्रदेश में धारा 144 लागू है, ऐसे में पुलिस सभी संवेदनशील इलाकों में सतर्कता बनाए हुए है।
जबलपुरम में पुलिस ने दिखाई सख्ती
जबलपुर में सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा। जुमे की नमाज के बाद पुलिस ने रानी ताल इलाके, घमापुर चौक, भान तलैया, मंडी मदार टेकरी में सख्त सुरक्षा व्यवस्था रखी थी। गोहलपुर में 2 हजार से ज्यादा लोग सड़क पर उतर आए थे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। दमोह के मुर्शीद बाबा मैदान में सीएएस के विरोध में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध किया।