मजेदार मुहावरो की घटिया अँग्रेज़ी
– डा डी एन पचौरी
अधिकतर लोग अपनी भाषा शैली को रोचक बनाने के लिए और कही गई बात को अधिक स्पष्ट करने के लिए मुहावरो और कहावतो का प्रयोग करते है। इनका कोई काॅपीराइट तो होता नहीं अतः जनता में निर्वाध रूप सें इनका प्रयोग होता है, और जिन अपढ लोगों के लिए काला अक्षर भैंस बराबर होता है, वो भी इनका खुब प्रयोग करते है। इन मुहावरो और कहावतो का प्रयोंग पुरातन काल से पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है, किंतु हिन्दी मुहावरो का अंगे्रजी रूपांतरण हास्यास्पद होता है। जब हमारी भारतीय सभ्यता और संस्कृति विकसित रूप में थी उस समय युरोप में अंग्रेजो के पूर्वज भेड़े चराया करते थे। और रोम में इनकी पहली सभ्यता विकसित हुई अतः इनके मुहावरो में भेड़ बकरी घोड़े और रोम, पोप आदि का अधिकांश प्रयोग होता है। अब कुछ उदाहरण देखिए।
हिन्दी में एक कहावत है ऊँची दुकान फीका पकवान अथवा नाम बड़ा और दर्शन छोटे का अंग्रेजी में मुहावरा ‘‘मच क्राई लिटिल वुल’’ अर्थात जो भेड़ अधिक चिल्लाएगी उसपे कम ऊन निकलेगी पर यह तो कोई बात नहीं हुई ऐसा तो बकरी के बारें में अधिक मिमयाना कम दूध या भैस के बारे में अधिक रंभाना कम दूध ‘‘मच बेलोविंग लैस मिल्क’’ भी लिखा जा सकता है। हिंदी में एक मुहावरा है- जल में रहें मगर से बैर इसका अंग्रेजी मुहावरा ‘‘हार्ड टु लिव इन रोम एंड टु फाइट विद पोप’’ ये तो कोई बात नहीं हुई बेचारे सीधे सादे दयालु अहिंसा वादी पोप की तुलना मगरमच्छ से कर दी। इसे यु भी लिख सकते थे कि ‘‘हार्ड टु लिव इन किंगडम इफ फाइट विद दी किंग’’ अर्थात राजा से लड़कर राजधानी में नही रह सकते पर यह तो रोम और पोप के पीछे पड़े है। एक और मुहावरा देखिए- हथेली पर दहीं जमाना या हथेलीं पर सरसांे उगाना इसका अंग्रेजी रूपांतरण है- ‘‘रोम वाज़ नाॅट बिल्ट इन ए डे’’ अर्थात रोम एक दिन में नहीं बना तो क्या ‘दिल्ली’ क्या ‘लंदन’ क्या ‘न्यूयाॅकर्’ आदि एक दिन में बन गए थें। हथेली पर दही जमाना के लिए ये अंग्रेजी में मुहावरा कुछ जमता नही है। क्योंकि अंग्रेज तो घुमा फिरा कर रोम में ही आ जाते है। एक अन्य उदाहरण देखिए- लोहा लोहे को काटता है अर्थ आप जानते है इसकी अंग्रेजी कहावत है ‘‘डायमंड कट डायमंड’’ अरे भाई आयरन कट आयरन भी तो हो सकता था। ये हीरे की बात चला कर हम हिंदुस्तानीयों का दिल दुखाते है क्योंकि एक तो भारत से कोहिनूर चुरा ले गए और फिर हीरा काटने की बात करते है। अन्य उदाहरण देखिए भैंस के आगे बीन बजाना का अंग्रेजी मुहावरा ‘‘क्राईंग इन वाइलडरनेस’’ अर्थात सुनसान जगह पर चिल्लाना इससे तो अच्छा होता ‘‘टु पुश दी वाल’’ अर्थात भैंस के आगे बीन बजाना निरर्थक है तो दीवार को धक्का देना भी निरर्थक है हमारा एक हिन्दी मुहावरा का बरसा जब कृषि सुखानें का अंग्रेजी मुहावरा देखिए ‘‘लोकिंग स्टेबल डोर वैन दी स्टीड इज़ स्टोलिन’’ अर्थात घोड़ा चोरी हो जाने पर दरवाजे पर ताला लगाना बेकार है। का बरसा जब कृषि सुधाने अथवा पछताए का होत जब चिडि़या चुक गई खेत जैसे मुहावरो के लिए घोड़ा भाग जाना ताला लगाना कुछ जमा नहीं। इसी प्रकार सावन के अंधे को हरा हरा दिखता है इनका मुहावरा है पीलिया के रोगी को पीला पीला दिखता है, लो कर लो बात कहां सावन और हरियाली कहां इन्होंने पीलिया के रोगी और पीले रोग पर मुहावरा बना दिया। इसी प्रकार जो गरजते है वो बरसते नही के लिए इनका मुहावरा है भौंकने वाले कुत्ते काटते नही स्पष्ट है कि इनके मुहावरे भेडे उनकी ऊन, रखवाली करने वाले कुत्ते, चरवाहो के घोड़े, और रोम के आसपास घूमते रहते है। हमनें कहा ऊँट के मुॅह में जीरा तो इनका मुहावरा है- ‘‘ड्राॅप इन द ओशन’’। ऊँट और जीरे की तुलना एक दृष्टि से मानी जा सकती है पर उसके लिए महासागर में एक बुंद जमता नहीं। अंत में एक मुहावरा देखिए बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय, इसके लिए इन्होंने निकाला है ‘‘नो युज़ क्राइंग ओवर स्पिलिट मिल्क’’ अर्थात दुध फैल जाए तो चिल्लाना बेकार है। कहां धीर गंभीर और आध्यात्मिक बात जहाँ भुतकाल को भूल कर भविष्य पर ध्यान देने जैसी बात के लिए दूध गिरना और उस पर चिल्लाना जैसे मुहावरे नही जमतंे। इस प्रकार आप देख लीजिए कि किस प्रकार अच्छे भले हिन्दी मुहावरो का अथवा कहावतो का अंग्रेजी भाषा में सत्यानाश मारा गया है।