भीलवाडा एवं भरतपुर के मेडिकल कॉलेज भवन तथा तीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक्स का लोकार्पण
भीलवाडा,26 अगस्त(इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
निशुल्क जांच एवं दवा योजना तथा निरोगी राजस्थान अभियान जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक मुकाबले के लिए प्रदेश में गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में नव-स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों का निर्माण भी निर्धारित समयावधि में पूरा हो।
श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 828 करोड रूपए की लागत से तैयार भीलवाडा एवं भरतपुर मेडिकल कॉलेज भवन तथा बीकानेर, उदयपुर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
जालौर, प्रतापगढ़ और राजसमन्द में भी स्वीकृत हों मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण राजस्थान में दुर्गम इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में लागत बहुत अधिक आती है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार राज्य को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए। हमने संकल्प लिया है कि प्रदेश के सभी 33 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज की सुविधाएं उपलब्ध हों।
उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से आग्रह किया कि वे जालौर तथा प्रतापगढ़ में विषम परिस्थितियों को देखते हुए तथा राजसमन्द में निजी मेडिकल कॉलेज के नियम में शिथिलता प्रदान कर सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति दें।
सिलिकोसिस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी बने कार्ययोजना
श्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई में राजस्थान देश में अग्रणी है। मृत्युदर, रिकवरी रेट, डबलिंग रेट सहित अन्य मानकों पर राजस्थान की स्थिति देश के बड़े राज्यों एवं राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है। नॉन-कोविड मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में मोबाइल ओपीडी वैन संचालित की गईं।
उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश में नई पॉलिसी लाई गई है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि वे इस घातक बीमारी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना बनाएं।
75 में से 15 मेडिकल कॉलेज मिले राजस्थान को
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केन्द्र सरकार ने तीसरे चरण में देश के पिछड़े जिलों में ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया था। राजस्थान सरकार ने इस दिशा में तत्परता दिखाते हुए जल्द प्रस्ताव भेजे, जिसके चलते राजस्थान को सबसे ज्यादा 15 मेडिकल कॉलेज मिल सके।
उन्होंने कोरोना की लड़ाई में राजस्थान सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र के प्रयासों के साथ ही राजस्थान पूरी मुस्तैदी के साथ यह लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में राज्यों से भी सहयोग अपेक्षित है। डॉ. हर्षवर्धन ने देश के चिकित्सा ढांचे को मजबूत बनाने के लिए आयुष्मान भारत, ईट राइट, फिट इंडिया, हैल्थ फॉर ऑल, टेली मेडिसिन आदि नवाचारों एवं योजनाओं का उल्लेख भी किया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी चौबे ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए बीते कुछ वर्षाें में देश में 157 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृतियां जारी की गई हैं।
प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कोरोना को लेकर बेहतरीन मेनेजमेंट किया गया। जुलाई एवं अगस्त माह में यहां मृत्युदर एक प्रतिशत से भी कम रही है। साथ ही रिकवरी रेट भी राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।
ऐसी होगी विंग
डॉ. पोसवाल ने बताया कि विंग के ग्राउंड फलोर एवं फर्स्ट फ्लोर पर आउटडोर, लैब्स, ड्रेसिंगरूम, सैंपल कलेक्शन व एक्स-रे, सीटी सीमुलेटर, डीएसए, लिथोट्रीप्सी तथा सैकंड-थर्ड फ्लोर पर चार वार्ड और चौथी मंजिल पर ऑटोमेटेड बेड का आईसीयू विद् सेन्ट्रलाइज्ड मोनिटरिंग होगा। पांचवीं मंजिल पर छह मॉड्यूलर ऑपरेशन थियटर रहेंगे।