भारत-पाक बॉर्डर पर ऑयल इंडिया के कुएं से गैस रिसाव जारी, अलर्ट पर BSF
जैसलमेर 14 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। जैसलमेर के डांडेवाला में ऑयल इंडिया के कुएं से हो रहे गैस के रिसाव को रोकने में अब तक सफलता नहीं मिली है। कई दिनों से जारी इस रिसाव को रोकने के लिए कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी वहीं डेरा डाले हुए हैं।
ओएनजीसी के विशेषज्ञों को भी इसके लिए बुलाया गया है। इधर, गैस का कुआं अब ढहने की कगार पर पहुंच गया है। रिसाव के बाद से ही पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर ये जगह
जब सोमवार को गैस रिसाव को बंद करने की कोशिश की गई तो उसमें और विस्फोट हो गया। यह जगह रिहाइशी इलाके से दूर भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर है। इस घटना पर बीएसएफ को अलर्ट कर दिया गया है।
रिसाव पर काबू पाने का प्रयास
तकनीकि विशेषज्ञ रिसाव पर काबू पाने का पूरा प्रयास कर रहे है। फिलहाल यह बता पाना मुश्किल है कि कब तक गैस पर काबू पाया जा सकेगा। कंपनी सूत्रों का कहना है कि इस कुएं से रिसाव कई दिन से हो रहा है। बताया जा रहा है कि कुएं के अंदर की केसिंग व सीमेंट के बीच कहीं पर लीकेज होने के कारण गैस का रिसाव शुरू हुआ। यह धीरे-धीरे बढ़ता गया।
अब हालात यह हो गए हैं कि कुएं के चारों तरफ करीब चालीस फीट के क्षेत्र में जमीन के अंदर से कई स्थान पर गैस निकल रही है। कंपनी ने एक बार इस कुएं को पूरी तरह से बंद कर दिया, लेकिन इसके बाद आसपास के क्षेत्र से गैस ज्यादा निकलना शुरू हो गई। इसके बाद गैस उत्पादन को जारी रखा है, ताकि रिसाव काबू में रखा जा सके।
काफी ज्वलनशील है ये गैस
इस कुएं से रोजाना नौ हजार क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन होता है। अत्यंत ज्वलनशील मानी जाने वाली यह गैस कभी भी आग पकड़ सकती है। इससे बचने के लिए कुएं के निकट राहत टीम सिर्फ दिन के समय ही काम कर रही है। मौके पर लाइट भी नहीं जलाई जा सकती। रेस्कयू टीम के मोबाइल तक बंद करवा दिए गए है। उनके लिए खाना भी अन्य स्थान से भेजा जा रहा है। जैसलमेर जिले में ऑयल इंडिया लिमिटेड करीब सात मिलीयन क्यूबिक मीटर गैस का रोजाना उत्पादन करती है। इस गैस का उपयोग निकट ही रामगढ़ में स्थित गैस आधारित विद्युत उत्पादन केन्द्र में किया जाता है।