भारत के तरकश में 2016 तक शामिल हो सकता है अस्त्र, फिर रूस-फ्रांस पर नहीं रहेंगे निर्भर
नई दिल्ली 8 नवंबर(इ खबरटुडे)।भारत के तरकश में 2016 तक एक और मिसाइल अस्त्र शामिल हो सकता है, जिसकी मारक क्षमता 40 से 60 किलोमीटर होगी। यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह मिसाइल भारत के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हम पिछले एक दशक से अस्त्र जैसे बीवीआर (बिआंड विजुअल रेंज) एयर कॉम्बैट मिसाइल के विकास में संघर्षरत हैं।
एक खबर के अनुसार, एक बार अगर हर मौसम में कारगर अस्त्र मिसाइल बनकर तैयार हो जाता है तो भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजराइल जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने दुश्मन देशों के सुपरसॉनिक लड़ाकू विमानों को ढूंढ निकालने और उनको मार गिराने वाले मिसाइल का विकास कर लिया है। फिलहाल भारत के लड़ाकू विमान रूस, फ्रांस और इजराइल के बीवीआर मिसाइल्स से लैस हैं।
अस्त्र परियोजना को मार्च 2004 में हरी झंडी मिली थी, जिसकी शुरुआती लागत 955 करोड़ रुपए रही। लेकिन तकनीकी खामियों के कारण अस्त्र कई डेडलाइन को पार कर गया। पिछले साल मई में सुखोई 30 एमकेआई से इसको दागा गया।