बुजुर्ग दंपती ने एक साथ तोड़ा दम, एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार
मुरैना,01 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। मंडप में सात फेरे लेते हुए हर सुख-दुख में साथ देने और सात जन्म साथ निभाने का वादा किया था। इस वादे को 67 साल तक पूरी ईमानदारी से निभाया और दुनिया से एक साथ विदा हो गए।
यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि कैलारस के चमरगवां गांव के बुजर्ग दंपती की सच्चाई है। बुजुर्ग पति-पत्नी ने साथ दम तोड़ा, उनके प्यार को स्वजन व ग्रामीणों ने भी पूरा सम्मान दिया और एक ही चिता पर लिटाकर दोनों का हाथ थमाकर अंतिम संस्कार किया।
चमरगवां गांव के 85 वर्षीय भागचंद जाटव और 81 साल की उनकी पत्नी छोटी जाटव की शादी को 67 साल से ज्यादा हो गए। सोमवार की रात दोनों ने पूरे परिवार के साथ खाना खाया। बेटे व नातियों से बात की और उसके बाद दोनों बुजुर्ग दंपती रोज की तरह अपने कमरे में सोने चले गए।
भागचंद व छोटी बाई रोज सुबह पांच बजे उठ जाते, लेकिन मंगलवार को सात बजे तक दोनों कमरे से बाहर नहीं आए तो स्वजनों ने कमरे का गेट खोलकर देखा तब खटिया पर बुजुर्ग दंपती के शव थे। दोनों ने रात में दम तोड़ दिया और उनके प्राण कब निकले यह परिवार के किसी सदस्य को पता भी नहीं चला।
जोड़े में मालाएं पहनाईं फिर विदा किया
भागचंद व छोटी बाई के परिवार में दो बेटे और दो बेटियों अलावा नाती-पोते भी हैं। मृतक दंपती के स्वजन व ग्रामीण बताते है कि इन दोनों में एक दूसरे के प्रति सम्मान, प्यार व जिम्मेदारी ऐसी थी कि भागचंद खेती-बाड़ी, परिवार से लेकर रोजगार तक की बातें पत्नी से विचार करके करते। छोटी बाई ने भी पति के हर सुख-दुख में साथ दिया और परिवार को एक साथ रखा।
बुजुर्ग दंपती के इसी प्रेम को उनके जाने के बाद भी सम्मान मिला। दोनों के शवों के नए कपड़े पहनाकर दूल्हा-दुल्हन की तरह कुर्सी पर बैठाया गया। फूल मालाएं पहनाई गईं और गाजे-बाजे के साथ पूरे गांव में अंतिम यात्रा निकाली गई। उसके बाद श्मशान में एक बड़ी चिता बनाकर दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि देने के बाद पूरे गांव के पुरुषों ने दम्पत्ति की चिता की परिक्रमा की और सती माता के जयकारे लगाए।