May 14, 2024

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चौथी बार प्रदेश को दिया कृषि कर्मण अवार्ड

किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री बिसेन ने लिया अवार्ड
 
भोपाल,19 मार्च (इ खबरटुडे)।मध्यप्रदेश को लगातार चौथी बार कृषि कर्मण अवार्ड आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया। वर्ष 2014-15 में कुल खाद्यान्न उत्पादन में मिले कृषि कर्मण अवार्ड को किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने प्राप्त किया। इस मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान और मोहन भाई कल्याण भाई कुंदरिया उपस्थित थे।

प्रशस्ति-पत्र, स्मृति-चिन्ह और दो-दो लाख की पुरस्कार राशि दी गयी
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने तीन-दिवसीय कृषि उन्नति मेला में प्रदेश को यह अवार्ड दिया। अवार्ड के रूप में स्मृति-चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र और पाँच करोड़ रुपये दिये गये। इसके अलावा प्रगतिशील किसान श्रेणी में वर्ष 2014-15 के लिये नरसिंहपुर के किसान नारायण सिंह पटेल को गेहूँ उत्पादन में और मुरैना की श्रीमती रेखा त्यागी को बाजरा उत्पादन में सम्मानित किया गया। इन्हें प्रशस्ति-पत्र, स्मृति-चिन्ह और दो-दो लाख की पुरस्कार राशि दी गयी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दूरदृष्टि, कृषि को लाभ का धंधा बनाने, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाना, खेती का रकबा बढ़ाने और सिंचित भूमि में लगातार वृद्धि से कृषि के क्षेत्र में लगातार चौथी बार कृषि कर्मण पुरस्कार से प्रदेश को नवाजा गया है।
किसानों को एस.एम.एस. से परामर्श
श्री बिसेन ने बताया कि वर्ष 2014-15 में 254 लाख टन और 1719 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर खाद्यान्न उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही सिंचाई क्षमता में 3 लाख 26 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में 29 लाख 45 हजार क्विंटल प्रमाणित बीजों का उत्पादन किया गया। साथ ही उन्नत बीज गुणवत्ता कार्यक्रम में 40 हजार गाँव को नि:शुल्क स्पाइरल ग्रेडर और बीज उपचार ड्रम प्रदान किये गये हैं।
विभागों में बेहतर तालमेल एवं समन्वय सुनिश्चित करने के लिये कृषि केबिनेट का गठन
वर्ष 2014-15 में 1 लाख 9 हजार हेक्टेयर बंजर भूमि क्षेत्र को कृषि योग्य भूमि में बदला गया है। किसानों को मोबाइल एसएमएस के जरिये कृषि परामर्शिका भेजी जा रही है। वर्ष 2014-15 में 13 लाख 36 हजार किसान को क्रेडिट-कार्ड वितरित किये गये हैं। वर्तमान में 78 लाख 75 हजार किसान के पास किसान क्रेडिट-कार्ड उपलब्ध हैं। संबंधित विभागों में बेहतर तालमेल एवं समन्वय सुनिश्चित करने के लिये कृषि केबिनेट का गठन किया गया है।

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