पूर्वोत्तर के लिए बड़ी खुशखबरी, केंद्र सरकार ने बोडो संगठनों के साथ किया समग्र समझौता
नई दिल्ली,27 जनवरी (इ खबरटुडे)। लंबे समय से लटकी बोडो समस्या का आज आखिरकार हल निकाल लिया गया। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एडीएफबी के चार गुटों के नेतृत्व और ऑल बोडो स्टुडेंट यूनियन के साथ गृह मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार ने नए साल में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक और अच्छी ख़बर दी है। सोमवार दोपहर को मुद्दे के स्थायी हल के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, एनडीएफबी के चार गुटों के नेतृत्व, ऑल बोडो स्टूडेन्ट्स यूनियन, गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग और असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा ने हस्ताक्षर किये। इस समझौते में जो जो संगठन हिस्सेदार हैं।
उनमें केंद्र सरकार, असम राज्य सरकार, बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC), ABSU, NDFB (गोविन्दा बासूमातरी ग्रुप ), NDFB ( धीरेन्द्र बोरा ग्रुप ), NDFB (रंजन दायीमारी ग्रुप ), NDFB (सरायगारा ग्रुप ) और यूनाइडेट बोरो पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (UBPO) शामिल हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने इसे असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के सुनहरे भविष्य का समझौता बताया और कहा कि आज से इस समस्या का हमेशा के लिए समाधान हुआ है।
समझौते के तहत करीब 1500 सशस्त्र कैडर करीब 500 हथियारों के साथ देश की मुख्याधारा में शामिल होंगे। NDFB के चारों धड़े देश की मुख्याधारा में शामिल होंगे। बोडो क्षेत्रों के विकास के लिए तीन वर्षों में 1500 करोड़ रूपये का विकास पैकेज दिया जाएगा जिससे विशिष्ट परियोजनाओं का आने वाले समय में क्रियान्वयन होगा। इस समझौते से BTC के क्षेत्र और शक्ति में बढ़ोतरी होगी। समझौते में बोडो समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषायी विषयों को सुरक्षित किया जायेगा साथ ही जनजातियों के भूमि अधिकारों का सरंक्षण होगा।
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और भारत सरकार हमेशा सभी से बातचीत के लिए तैयार है।
असम सरकार ने समझौते के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व को श्रेय दिया और कहा कि इससे असम की क्षेत्रीय अखंडता अक्षुण्ण रहेगी। असम सरकार ने लोगों को ये भी भरोसा दिया कि बोडो लोगों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे। समझौते पर बोडो नेताओं ने संतोष जताया है।
दिल्ली के विजय चौक पर बोडो आंदोलन से जुड़े लोगों ने जमकर खुशी मनायी।
गौरतलब है कि रविवार को मन की बात कार्यक्रम में भी पीएम मोदी ने विस्तार से असम के बारे में बात की थी और कहा था कि हम सब मिल कर,एक ऐसे नए भारत के निर्माण में जुट जाएँ, जहाँ शांति हर सवाल के जवाब का आधार हो|
मौजूदा मोदी सरकार बनने के बाद अगस्त, 2019 से समग्र बोडो समाधान के लिए प्रयास तेज किए गए हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हुए ऐतिहासिक बोडो समझौते का स्वागत करते हुए करते हुए कहा है कि यह समझौता बोडो लोगों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम वाला साबित होगा।
एक ट्वीट में प्रधान मंत्री ने कहा, “शांति, सद्भाव और एकजुटता की एक नई सुबह में, भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। बोडो समूहों के साथ किया गया यह समझौता बोडो लोगों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम वाला साबित होगा।”
उन्होंने कहा ‘बोडो समूहों के साथ समझौता बोडो लोगों की अनूठी संस्कृति को आगे और संरक्षित करते हुए उसे लोकप्रिय बनाएगा। उन्हें विकासोन्मुखी पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुँच मिलेगी। हम बोडो लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’