नमस्कार महामंत्र साधना और प्रयोग सप्ताह का शुभारंभ
उज्जैन 20 जुलाई(इ खबरटुडे)। हम जितने शब्द से प्रभावित होते हैं, उतने ओर किसी से नहीं होते हैं। शब्द में बहुत बड़ी शक्ति होती है। स्मृति, कल्पना, चिन्तन शब्द के माध्यम से चलते है। सारा जगत तरंगों से प्रभावित है। उपरोक्त विचार नमस्कार महामंत्र साधना और प्रयोग सप्ताह के शुभारंभ पर मुनि रमेश कुमार ने नयापुरा स्थित आचार्य डालगणी भवन में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
आपने कहा मंत्र से मन प्रभावित होता है। मंत्र से मन को साध सकते हैं। मंत्र किसी वर्णात्मक संयोजना का नाम नहीं है बल्कि संकल्पित चित्त की संयोजना का नाम है। शब्दों में संपुटित दिव्यता का नाम ही मंत्र है। आपने रंगों के साथ नमस्कार महामंत्र के प्रयोग भी कराये। समण सिद्धप्रज्ञ जी नमस्कार महामंत्र का महत्व समझाते हुए मुद्रा, रंग के साथ कराते हुए कहा मंत्र जप के लिए भूमि शुद्धि, वस्त्र शुद्धि, शरीर शुद्धि, माला शुद्धि, उच्चारण शुद्धि एवं भाव शुद्धि जरुरी है। नवकार मंत्र में अनेक समस्या का समाधान संभव है। अपेक्षा है हम उन विधियों को समझ कर प्रयोग करें।