नगर के निजी अस्पताल नियमो की अनदेखी करते हुए इलाज की भारी रकम वसूल में व्यस्त
रतलाम ,16नवंबर (इ खबरटुडे)। रतलाम नगर में प्रशासन सख्ती से सभी को नियमो का पालन करने की सलाह देता दिखाई देता है। लेकिन नगर के निजी अस्पतालों को पार्किंग व्यस्था में सुधार के समय प्रशासन की सख्ती कई गायब सी दिखाई देती है। इन निजी अस्पतालों के भार पार्किंग में वाहनों को लाइन में रखवाने के लिए गार्ड बिठा रखे है। लेकिन यहां लगाए जाने वाली पार्किंग पूर्ण रूप से अवैध है।
रिहायशी इलाकों में इन निजी अस्पतालों ,नर्सिंग होम ,क्लीनिको के भार आधे से ज्यादा मार्गो पर अवैध पार्किंग की जाती है। अवैध पार्किंग के कारण क्षेत्र में अन्य चालकों को 2 पहिया वाहन निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ता है । कई बार तो इन अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भी वाहन रखने की पर्याप्त जगह नहीं मिलती है ,मजबूर होकर उन्हें सड़क पर ही वाहन पार्किंग करना पड़ती है। जिसके के कारण सड़क पर जाम की समस्या उत्पन होने लगती है।
नगर में सबसे अधिक निजी अस्पताल , नर्सिंग होम वेदव्यास कॉलोनी क्षेत्र में स्थित है और क्षेत्र की अधिकांश सड़के चौड़ी नहीं है। जिसके कारण क्षेत्र में
पार्किंग की काफी समस्या है। लेकिन निजी अस्पतालों के लिए बनाई गई गाईड लाइन के अनुसार ऐसे इन अस्पताल संचालको को पार्किंग के लिए अतरिक्त स्थान रखना अनिवार्य है। बावजूद क्षेत्र अंकुर हॉस्पिटल और आशीर्वाद हॉस्पिटल कई वर्षो से गाईड लाइन का पूर्ण रूप से उल्घन करते आ रहे है। कई प्रशानिक अधिकारियो के परिवारों का इलाज भी निजी अस्पतालों में होता है इसी कारण इन अस्पतालों में अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है। जिसका फायदा उठाकर इन अस्पतालों संचालक अपनी मनमानी करते रहते है।
पूर्व में इ खबर टुडे ने इन अस्पतालों के संचालको से पार्किंग व्यस्था के विषय में चर्चा की थी उस समय अंकुर हॉस्पिटल के संचालक का कहना था की हमने नजदीक में ही पार्किंग के लिए स्थान निर्धारित किया है ,जो केवल पार्किंग के लिए उपयोग में लिया जायेगा। लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी अभी तक कोई पार्किंग व्यस्था नहीं गई है। इन क्षेत्र में आम जनता को सबसे अधिक समस्या अंकुर और आशीर्वाद हॉस्पिटल के बीच से गुजरने वाली सड़क पर होती है ,क्यों की इस सड़क पर जाने के लिए इन दोनों हॉस्पिटल में किसी एक के सामने से निकलना पड़ता है। जिस पर पहले ही हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों के वाहन खड़े रहते है। भार खड़े वाहनों के कारण कई बार हॉस्पिटल में आने वाली इमरजेंसी एम्बुलेंस भी जाम में फ़स जाती है।
कई बार इन क्षेत्रों में वाहनों को निकालने की बात पर गंभीर विवाद हो जाते है। इन हॉस्पिटल के भार ही ऑटो चालकों ने पर्याप्त स्थान ना होने के बावजूद अस्थाई स्टेण्ड बना रखा है। जिसके चलते जाम की समस्या और अधिक बढ़ जाती है,लेकिन निजी हॉस्पिटल के संचालक इन सभी विषयो से दूर रह कर हॉस्पिटल आने वाले मरीजों से मोटी रकम कमाने में लगे हुए है।