धोखाधडी के मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड व उसके भाई को दस-दस साल की जेल
रतलाम, 30 मार्च (इ खबरटुडे)। करीब दस वर्ष पूर्व की गई धोखाधडी के मामले में स्थानीय जिला न्यायालय में कांग्रेस नेता जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी (दुर्गाप्रसाद) धाकड और उसके भाई को दस दस साल की सजा सुनाई गई। कांग्रेस नेता व उसके भाई ने ट्रैक्टर मालिक के फर्जी हस्ताक्षरों से जाली बेचाननामा बनाकर ट्रैक्टर को हडप लिया था। मामले में दोषसिध्द करार दिए गए कांग्रेस नेता मध्यप्रदेश में हुए किसान आन्दोलन से चर्चाओं में आए थे। दूसरी ओर धोखाधडी की शिकायत करने वाले डॉ.मधुकर यार्दे,रतलाम महापौर डॉ सुनीता योर्दे के ससुर है।
अतिरिक्त जिला जज विवेक कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय में पारित आदेश के अनुसार,जिला पंचायत उपाध्यक्ष दुर्गाप्रसाद धाकड वर्ष 2010 में डॉ.मधुकर यार्दे के क्लिनीक में काम करता था। उसी दौरान उसने डॉ,मधुकर यार्दे की मालिकीयत का एक ट्रैक्टर किराये से चलाने के लिए लिया था। किराये से लिए गए इस ट्रैक्टर को डीपी धाकड व उसके भाई जयप्रकाश धाकड ने लेबड नयागांव फोरलेन कंपनी को अपनी निजी मालकी का बता कर किराये पर दे दिया था। कांग्रेस नेता डीपी धाकड ने डॉ.यार्दे से किराये पर लिए ट्रैक्टर का किराया लंबे समय तक अदा नहीं किया। किराया अदा नहीं करने पर डॉ.मधुकर यार्दे ने अपने लडके अजय को डीपी धाकड से बात करने भेजा। जब अजय ने पता किया तो उसे मालूम चला कि डीपी धाकड और उसके भाई ने डॉ.मधुकर यार्दे के फर्जी हस्ताक्षरों से अपने पक्ष में एक फर्जी बेचान नामा तैयार किया और इस बेचाननामें के आधार पर उक्त ट्रेक्टर फोरलेन कपंनी में किराये से लगा दिया। आरोपियों ने फोरलेन कंपनी से ट्रैक्टर के किराये के रुप में दो लाख सैतीस हजार रु.भी प्राप्त कर लिए।
बाद में डॉ.मधुकर यार्दे ने इस धोखाधडी की शिकायत पुलिस को की और पुलिस ने जांच के बाद दोनो आरोपियों के विरुध्द न्यायालय में चालान पेश किया। विद्वान न्यायाधीश श्री विवेक कुमार श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई के बाद दुर्गाप्रसाद धाकड व उसके भाई जयप्रकाश को धोखाधडी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में दोषसिध्द करार दिया। न्यायाधीश ने धोखाधडी की धारा 420 भादवि में 7-7 वर्ष कठोर कारावास व एक एक हजार रु.जुर्माना,कूटरचित दस्तावेज के लिए धारा 467 भादवि में 10-10 वर्ष कठोर कारावास व दस-दस हजार रु.जुर्माना,इसी प्रकार धारा 468 में सात-सात वर्ष कारावास व एक-एक हजार जुर्माना और धारा 471 में दस-दस वर्ष कारावास व दस दस हजार रु.जुर्माने की सजा सुनाई। न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड और उसके भाई जयप्रकाश को जेल भेज दिया गया है।