January 9, 2025

धोखाधडी और जालसाजी के मामले में भू माफिया अनिल झालानी द्वारा दायर अग्रिम जमानत की याचिका उच्च न्यायालय द्वारा खारिज,गिरफ्तारी का रास्ता साफ

anil jhalani

रतलाम,09 जनवरी (इ खबरटुडे)। शहर के विरीयाखेडी क्षेत्र में अपनी कालोनी के पास स्थित दूसरी कालोनी के भूखण्डों का अवैध तरीके से विक्रय करने के मामलें में जालसाजी और धोखाधडी के आरोपी बनाए गए अनिल झालानी की अग्र्रिम जमानत की याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। उच्च न्यायालय से अग्र्रिम जमानत की याचिका खारिज होने के बाद अब झालानी की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।

उल्लेखनीय है कि झालानी ने जालसाजी और धोखाधडी के इस मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद इस एफआईआर को निरस्त कराने के लिए इन्दौर उच्च न्यायालय में अनुच्छेद 482 के तहत रिट पिटिशन प्रस्तुत की थी। इस रिट पिटिशन की सुनवाई के दौरान झालानी की ओर से अग्र्रिम जमानत लेने के लिए भी आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इस आवेदन की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय द्वारा झालानी को अंतरिम अग्र्रिम जमानत भी दे दी गई थी।

परन्तु अग्र्रिम जमानत के आवेदन पर बुधवार को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता और मामले के फरियादी मनीष शर्मा की ओर से इस आवेदन पर अपनी गंभीर आपत्ति दर्ज कराई गई। इस पर न्यायालय में उपस्थित अनिल झालानी के अभिभाषक ने अग्र्रिम जमानत का अपना प्रथम आवेदन स्वयं ही विद्ड्रा कर लिया। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीव कालगांवकर ने आवेदन वापस लिए जाने के आधार पर उक्त आवेदन को निरस्त कर दिया।

उच्च न्यायालय द्वारा अग्र्रिम जमानत के आवेदन को निरस्त किए जाने से अनिल झालानी को दी गई अंतरिम अग्र्रिम जमानत भी स्वत: निरस्त हो गई है और ऐसे में अब पुलिस द्वारा झालानी को गिरफ्तार किए जाने में कोई बाधा नहीं है।

यह था पूरा मामला

रतलाम शहर के बीरियाखेड़ी क्षेत्र में सर्वे नंबर 150/8 और 150/1/2/1 की भूमि पर विवाद गहराता जा रहा है। यह भूमि श्रीराम इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, जो एक भागीदारी फर्म है, के नाम पर मुख्तियारनामे के माध्यम से आवंटित की गई थी। श्रीराम इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के भागीदार श्री अनिल झालानी ने इस भूमि का उपयोग कॉलोनी के विकास हेतु अनुमति लेकर विभिन्न भूखंडों का विक्रय किया।

इस दौरान श्री झालानी ने मोहन नगर गृह निर्माण समिति का निर्माण कर कई भूखंडों को समिति को आवंटित कर दिया। लेकिन आरोप है कि इस प्रक्रिया में श्रीराम इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के नाम पर जो भूमि थी, उससे अधिक भूमि का आवंटन कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप पड़ोसी कॉलोनी विवेकानंद गृह निर्माण समिति की भूमि पर अतिक्रमण हुआ और अवैध रूप से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र तैयार कर दिए गए।

विवेकानंद गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष मनीष शर्मा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच समिति ने इसे एक आपराधिक मामला पाया। इसके पश्चात औद्योगिक क्षेत्र थाना, रतलाम पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर श्री अनिल झालानी को मुख्य आरोपी बनाया।

मामले में अन्य आरोपियों की भी पहचान की जा रही है, जिन्होंने मोहन नगर गृह निर्माण समिति के क्रय-विक्रय में भागीदारी की है। श्री अनिल झालानी ने अग्रिम जमानत के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है।

मामला अब रतलाम क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस और प्रशासन द्वारा मामले में सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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