November 22, 2024

दीपावली बाद देशभर में आंदोलन की रणनीति

   आरक्षण को लेकर जुटे 13 जिलों के जाट सरदार 

  केंद्र में चाहिए ओबीसी का दर्जा

देवास 12 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।  केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज अब एक बार फिर उग्र आंदोलन करने के मूड में हैं। इसके लिए रविवार को समीस्थ ग्राम नागूखेड़ी में जाट आरक्षण संघर्ष समिति की एक बैठक आयोजित की गई। इस दौरान हर जिले में संगठन को मजबूत करने सहित दीपावली बाद एक साथ आंदोलन शुरू करने की रणनीति पर विचार किया गया।

वीर तेजाजी स्कूल में आयोजित प्रदेश स्तरीय बैठक में 13 जिलों के जाट सरदार शामिल हुए। इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों में जाट आरक्षण संघर्ष समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सभी संभागों पर 5 सदस्यीय समिति बनाई गई है। बैठक के मुख्य अतिथि आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक थे। इस मौके पर जाट आरक्षण संघर्ष समिति प्रदेश अध्यक्ष व समाज के देवास जिला अध्यक्ष शांतिलाल जाणी ने बताया कि बैठक में प्रदेश के 28 जिलों में जाट निवास करते हैं। उक्त सभी जिलों में आरक्षण संघर्ष समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में आने वाले समय में आरक्षण को लेकर होने वाले आंदोलन पर चर्चा की गई। केंद्र में जाट समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा दिए जाने की मांग पर दीपावली के बाद आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय सचिव लक्ष्मीनारायण गोरा बछखाल, समाज की मनावर अध्यक्ष लक्ष्मीबाई चौधरी सहित समाजजन मौजूद थे।देशभर में एक साथ होगा उग्र आंदोलनः मलिक

बैठक में आए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया कि शासन की दोहरी आरक्षण नीति से जाट समाज नुकसान उठा रहा है। श्री मलिक ने बताया कि जाटों को 1956 के केलकर आयोग ने व बाद में मंडल आयोग ने भी ओबीसी की सूची में स्थान दिया था। लेकिन मंडल कमिशन की रिपोर्ट से बाद में नाम हटा दिया गया। वहीं मार्च 2017 में आरक्षण मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी उस पर रोक लगा दी। श्री मलिक का कहना है कि जाट समाज को अलग-अलग प्रदेशों में ओबीसी का दर्जा प्राप्त है लेकिन यह लड़ाई केवल केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर है। इसके लिए अब पूरे प्रदेश के जाट दीपावली व बोवनी से निपटने के बाद एक साथ आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि आंदोलन पहले की तरह उग्र होगा जिसमें रेल रोको, चक्काजाम व अन्य प्रकार तरीके अपनाए जाएंगे।

 

You may have missed