तुलसी के फेरे लिए अध्यापको ने
शासन के विरोध का नया तरीका
रतलाम,11 मार्च,(इ खबर टुडे)। अध्यापक संयुक्त मोर्चा आंदोलन के 22 वें रोज धरना स्थल पर ही महिला अध्यापकों ने अपना सोमवती अमावस्या क व्रत मनाया तथा तुलसी के फेरे लिए. उन्होने बताया कि आंदोलन के चलते हम सभी त्यौहार परिवार के साथ नहीं मनाते हुए शासन के विरोध स्वरुप धरने पर ही मना रहे है यदि वास्तव में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को महिलाओ की चिन्ता है तो वह हमारे संगठन से चर्चा कर मांगो का निराकरण करे जिससे कि हम भी व्रत,त्यौहार सड़क पर नही मनाकर अपने परिवार के साथ मना सके।
भारतीय किसान यूनियन के नेता ईश्वरचन्द्र त्रिपाठी जो कि वर्तमान में प्रदेश स्तरीय जनजागरण यात्रा कर रहे है। अपने संघ के साथ धरना स्थल पर पहुंचे तथा शासन की हठधर्मिता को कोसते हुए कहा कि अध्यापको की मांगे जायज है तथा हमारा संघ आपका पूरजोर समर्थन करता है। मोर्चा के जिलाध्यक्ष डॉ.मुनीन्द्र दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार गूंगी और बहरी है। इस सोई हुई सरकार को हमें जगाना है क्योंकि हम पिछले 15 वर्षो से अल्पवेतन प्राप्त कर रहे है। आखिर प्रत्येक पद की एक परिवीक्षा अवधि होती है तो हमारे लिए नियम अलग क्यों है। मीडिया प्रवक्ता मुकेश मालवीय ने बताया कि शासन ने लाखों रुपये खर्च कर अध्यापको के वेतन का समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया जबकि पिछले 15 वर्षो में विधायको,मंत्रियो, अधिकारियो के वेतन भत्तें की कई गुना वृध्दि की गई। इसे भी प्रकाशित किया जाना चाहिए। जिला संयोजक दिलीप सोलंकी ने संबोधित करते हुए हमें र्धेर्य की आवश्यकता है हमें । शीघ्र ही सुखद परिणाम प्राप्त होगा । हम सभी को पूर्ण ईमानदारी के साथ आंदोलन को सशक्त बनाना है. अत: परीक्षाओं का बहिष्कार कर आंदोलन के साथ अधिक से अधिक जुड़े,ताकि शासन गंभीर हो क्योंकि परीक्षा तो अन्य कर्मचारियो से करवा ली है किन्तु मूल्याकंन तो केवल शिक्षक ही कर सकता है ।
प्रांतीय सचिव रजनीश चौहान ने शासन को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नही होती है तो हम परिवार सहित नई दिल्ली जन्तर मन्तर पर आमरण अनशन करेगें। धरना स्थल पर गोविन्दनारायण आशालता, गोर्वधनलाल गुर्जर, नानूराम हठिला, रामलाल डामर, संतोष मुनिया, जितेन्द्र डामर, सावन पारगी, महेश चौहान,रविन्द्र त्रिवेदी, किशन मईडा,मुकेश कटारा, ओमप्रकाश, प्रेमसिंह, जगदीश परिहार आदि सैकड़ो की संख्या में उपस्थित थे।