ज्योति होटल का कब्जा लेगी नगर निगम,जिला न्यायालय ने अपील स्वीकार कर स्थगनादेश खारिज किया
रतलाम,24 जून (इ खबरटुडे)। लम्बे समय से न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझा ज्योति होटल का मामला अब सुलझ चुका है। जिला न्यायालय ने नगर निगम की अपील स्वीकार करते हुए ज्योति लॉज के पक्ष में निचली अदालत द्वारा दिए गए स्थगनादेश को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद अब ज्योति होटल पर नगर निगम का कब्जा होने का रास्ता साफ हो गया है।
जिला न्यायालय में नगर निगम के अभिभाषक संतोष त्रिपाठी ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश मृत्युंजय सिंह ने आज निचली अदालत के खिलाफ नगर निगम द्वारा प्रस्तुत अपील को स्वीकार कर लिया है। जिला न्यायालय ने नगर निगम की अपील स्वीकार करते हुए ज्योति होटल संचालक के पक्ष में दिए गए स्थगनादेश को खारिज कर दिया है। इसी के साथ अब नगर निगम ज्योति होटल का कब्जा लेने के लिए स्वतंत्र है।
निगमायुक्त एसके सिंह ने इ खबरटुडे को बताया कि जिला न्यायालय के फैसले की जानकारी मिली है,लेकिन पूरा आदेश फिलहाल प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही फैसले की प्रति नगर निगम को प्राप्त होगी,इस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
नगर निगम सूत्रों का कहना है कि जिला न्यायालय के आदेश के बाद नगर निगम जल्दी ही ज्योति होटल का कब्जा ले लेगी।
उच्च न्यायालय की अवमानना
उल्लेखनीय है कि ज्योति होटल के मामले में इन्दौर उच्च न्यायालय द्वारा विगत 30 अक्टूबर 2014 को ज्योति होटल का कब्जा नगर निगम को दिए जाने का स्पष्ट आदेश पारित किया था। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एससी शर्मा ने ज्योति होटल के संचालक द्वारा दायर याचिका को दो हजार रु.अर्थदण्ड आरोपित करते हुए निरस्त किया था और आदेश में यह स्पष्ट किया था कि ज्योति होटल की लीज विधिवत रुप से समाप्त हो चुकी है और ऐसी स्थिति में ज्योति होटल संचालक को ज्योति होटल पर कब्जा रखने का कोई अधिकार नहीं है। इस आदेश में नगर निगम को कहा गया था कि वह विधि की प्रक्रिया के अनुसार कब्जा प्राप्त कर लें। उच्च न्यायालय के सुस्पष्ट आदेश के बावजूद नगर निगम के तत्कालीन अधिकारियों और शहर एसडीएम की जुगलबन्दी के चलते यह मामला एसडीएम कोर्ट में ढाई साल तक बेवजह लम्बित रखा गया,ताकि ज्योति होटल संचालक का अवैध कब्जा बना रहे।
इ खबरटुडे द्वारा यह मामला उजागर किए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद शहर एसडीएम ने इस मामले में नगर निगम के पक्ष में आदेश पारित कर दिया। लेकिन इसी बीच ज्योति होटल संचालक ने स्थानीय न्यायालय में मामला दायर कर वहां से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया। मजेदार तथ्य यह है कि उच्च न्यायालय द्वारा जारी स्पष्ट आदेश व्यवहार न्यायाधीश के न्यायालय में भी पेश किया जा चुका था। इसके बावजूद भी निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई जारी रही और 6 अप्रैल 2017 को व्यवहार न्यायाधीश ने ज्योति होटल के पक्ष में प्रकरण के अंतिम निराकरण तक के लिए स्थगनादेश दे दिया था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ नगर निगम द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश मृत्युंजल सिंह के न्यायालय में अपील प्रस्तुत कर स्थगनादेश निरस्त करने की मांग की गई थी। जिला न्यायाधीश श्री सिंह ने लगभग ग्यारह महीने तक इस प्रकरण की सुनवाई के बाद आज इस मामले में अंतिम आदेश जारी कर दिया।