जो नेता चुनाव नहीं जीत सका उसकी क्या इज्जत ? -अरुण जेटली
नई दिल्ली,07 मार्च(इ खबरटुडे)।अरविंद केजरीवाल मानहानि केस में अरुण जेटली मंगलवार को दूसरे दिन दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं. इस मामले में केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी जेटली से क्रॉस इग्जामिनेशन कर रहे हैं. जेठमलानी ने मंगलवार को भी जेटली पर निशाना साधा और जिरह के दौरान तंज कसते हुए कहा कि जो नेता अपना चुनाव भी हार गया हो उसकी क्या इज्जत? पहले दिन सोमवार को जिरह में जेटली से पूछे गए 52 सवालः बोले- मेरी प्रतिष्ठा धूमिल हुई, रामजेठमलानी का तंज- आप इतने महान हैं?
सोमवार को अरुण जेटली केजरीवाल के खिलाफ मानहानि मुकदमे में अपना पक्ष रखते हुए कई बार भावुक हुए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने 52 सवाल पूछे. इस दौरान उन्होंने जमकर जेटली पर तंज भी कसा. जेटली ने कहा- मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी राजनीतिक आलोचना को लेकर कुछ भी नहीं कहा. लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए. इस पर केजरीवाल के वकील ने कहा- अच्छा, आप खुद को इतना महान समझते हैं.
जेटली से पूछे गए 52 सवाल
सोमवार को खचाखच भरी अदालत में जेठमलानी ने जेटली पर 52 सवाल दागे। केजरीवाल के वकील यह साबित करने में लगे थे कि यह मामला महत्वहीन है. हालांकि, राम जेठमलानी के 11 सवालों को कोर्ट ने खारिज कर दिया. जेटली और जेठमलानी के बीच हुए सवाल-जवाब में दोनों तरफ के वकीलों के बीच में कई बार तीखी नोक-झोक भी हुई. जिसके बाद कोर्ट रजिस्ट्रार के बीच-बचाव के बाद दोनों पक्षों को मुश्किल से शांत कराया गया.
जेटली से सवाल-जवाब
जेटली के वकील : हमारे क्लाइंट के खिलाफ मीडिया में आरोप लगाए और संसद में भी सवाल उठाए। इससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ। प्रतिष्ठा के इस नुकसान की भरपाई संभव नहीं है।
जेठमलानी: यह कैसे तय किया कि भरपाई आर्थिक रूप से हो सकती है? और मानहानि 10 करोड़ की ही है?
जेटली : मानहानि की भरपाई आर्थिक तौर पर नहीं हो सकती है। परिवार, समाज में मेरा जो महत्व है, उसके आधार पर 10 करोड़ का दावा ठोका।
जेटमलानी: कहीं मामला खुद को महान समझने का तो नहीं? साख और प्रतिष्ठा में क्या अंतर है? ठग भी अगर कुछ लोगों को थोड़ा दान दे तो उनके बीच उसकी साख होगी। आपकी याचिका का कोई तर्कसंगत कारण नजर नहीं आता, सिवाय इसके कि आप खुद अपने बारे में यह सोचते हैं।
जेटली: प्रतिष्ठा के नुकसान की मैंने जो कीमत लगाई है, वह मुझे हुई बड़ी क्षति का बहुत छोटा हिस्सा है।
जेठमलानी: यानी आप मानते हैं कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं माप सकते हैं?
जेटली: मेरे खिलाफ लगातार अभियान चलाया। इसे रोकना जरूरी था। इसीलिए केस किया। (भावुक होते हुए) अपने राजनीतिक कॅरियर में कभी भी मैंने राजनीतिक आलोचना पर कुछ नहीं कहा। लेकिन इस बार केस करना पड़ा, क्योंकि मेरी सच्चाई और निष्ठा पर सवाल उठे हैं। मैं 1977 से वकालत कर रहा हूं। राज्यसभा में नेता विपक्ष रहा हूं।
क्या है मामला?
दरअसल अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जेटली साल 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे. उन्होंने ये ओहदा 13 साल तक संभाला था. आरोपों के खिलाफ जेटली अदालत गए और केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा किया. इसके अलावा उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में इसी मामले में आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया है.