जैमर लगाकर चैकिंग करेगी पुलिस, ताकि नहीं आ सके नेताओं के फोन
भिंड,28 जून (इ खबरटुडे)।वाहन चेकिंग के दौरान नेताओं और रसूखदारों के फोन कॉल से छुटकारा पाने के लिए भिंड की ट्रैफिक पुलिस अब जैमर लगाने जा रही है। जैमर लगने से चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मियों और वाहन चालकों के मोबाइल बंद हो जाएंगे, जिससे पुलिस के पास सिफारिशी फोन नहीं आएंगे। ट्रैफिक प्रभारी सूबेदार दीपक साहू ने जैमर खरीदने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भोपाल भेज दिया है। पुलिस मुख्यालय से स्वीकृति मिलते ही 10 या 25 मीटर की रेंज के जैमर की खरीद की जाएगी।
80 फीसदी आती है सिफारिश
ट्रैफिक प्रभारी सूबेदार दीपक साहू कहते हैं भिंड में चेकिंग के दौरान सिफारिशी कॉल ज्यादा आते हैं। ट्रैफिक प्रबारी के मुताबिक चेकिंग के दौरान अगर 50 वाहन रोके हैं तो 40 वाहन चालक पुलिसकर्मियों की नेताओं या अन्य लोगों से बात कराते हैं।यानी चेकिंग के दौरान करीब 80 फीसदी लोग सिफारिशी फोन कराते हैं। चेकिंग के दौरान बार-बार फोन पर बात करने से कई बार असहज स्थिति बनती है। जैमर लगने से पुलिस को सिफारिशी कॉल से छुटकारा तो मिलेगा ही, इससे राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
ऐसे काम करता है जैमर
ट्रैफिक प्रभारी सूबेदार दीपक साहू का कहना है जैमर के कारण मोबाइल को बेस स्टेशन से सिग्नल नहीं मिलते हैं। जैमर मोबाइल को सिग्नल लेने से रोकता है। जैमर को पुलिस की गाड़ी में लगाया जाएगा और चेकिंग के दौरान ऑन किया जाएगा। जैमर ऑन होते ही रेंज में आने वाले मोबाइल में सिग्नल नहीं आते हैं।
दूर जाकर भी नहीं करा पाएंगे बात
ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई के दौरान जैमर का प्रयोग होने से पहले तो फोन लगेगा ही नहीं। ऐसे में यदि कोई जैमर की रेंज से बाहर जाकर नेता या रसूखदार से फोन पर बात करवाकर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों या अफसरों के पास आएगा तो रेंज में आते ही उसके मोबाइल से सिग्नल चले जाएंगे।
वीवीआईपी कारकेड में भी जैमर
ट्रैफिक प्रभारी का कहना है कि जैमर का प्रयोग अवांछित गतिविधियों को रोकने के लिए भी किया जाता हैै। वीवीआईपी के मूवमेंट के दौरान भी कारकेड में एक गाड़ी जैमर से सुसज्जित चलती है। कारकेड में जैमर होने से आसपास के लोगों के मोबाइल काम नहीं करते। यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया जाता है। ऐसे में यदि ट्रैफिक पुलिस जैमर का उपयोग करेगी तो वीवीआईपी मूवमेंट के समय भी इसका उपयोग हो सकेगा।
वायरलैस पर कोई असर नहीं पड़ेगा
जैमर का प्रस्ताव भोपाल भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही 25 या 10 मीटर की रेंज वाले जैमर की खरीद की जाएगी। वाहन चेकिंग के दौरान जैमर का इस्तेमाल होने से वायरलैस सिस्टम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।