May 18, 2024

जीआईएस सर्वे के काम में घोटाला , दो इंजीनियरों सहित 5 पर प्रकरण दर्ज

उज्जैन 21 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।  शहर के जीआईएस सर्वे के काम में घोटाला सामने आने पर लोकायुक्त ने नगर निगम के दो इंजीनियरों के साथ्‍ा सर्वे का काम करने वाली कंपनी के दो संचालकों के साथ आई टी कंसलटेंट पर पद के दुरपयोंग के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।इन लोगो पर हुआ प्रकरण दर्ज

01 – पूर्व अधीक्षण यंत्री जगदीश डगांवकर
02 – प्रभारी कार्यपालन यंत्री प्रभूलाल टटवाल
03 – राजेश सांघी , आई टी कंसलटेट शासन स्तर
04 – कंपनी स्थानीय डायरेक्टर मंगल प्रसाद यादव
05 – कंपनी स्थानीय डायरेक्टर अशोक शर्मा

ये है मामला

नेशनल अर्बन इन्फार्मेशन सिस्टम के तहत वर्ष 2009 में उज्जैन नगर निगम ने शहर का जी आई एस हॉउस होल्ड सर्वे करने के लिए टोपोग्राफी साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया था | यह भोपाल की फर्म थी | जी आई एस के तहत शहर की भोगोलिक स्थिति जेस  मकान , सड़क ,ड्रेनेज सिस्टम , अंडर ग्राउंड लाइन आदि का सोफ्टवेअर बनाना और मेप तेयार करना | इस काम के माध्यम से हॉउस टेक्स व अन्य प्रकार के कर की वास्तविक वसूली के साथ ही शहर वासियों को विभिन्न सुविधाओ का लाभ दिया जाना था | भविष्य की सभी योजनाओ के लिए डाटा का उपयोग कर काम को आसान बनाना |

इन्हें था दायित्व
काम का सुपरविजन तत्कालीन अधीक्षण यंत्री जगदीश डगांवकर , प्रभारी कार्यपालन यंत्री प्रभुलाल टटवाल व आई टी विशेषज्ञ राजेश सांघी को दिया गया था |
इनके द्वारा काम देखने पर कई त्रुटी पाई गई बावजूद इसके इन्होने कंपनी को भुगतान कर दिया |

क्या हुई गड़बड़ी
कंपनी का काम था की सोफ्टवेअर बनाकर नगर निगम को देना | कंपनी ने नियमो के तहत काम नहीं किया |निर्धारित माप दंड और मान दंड के तहत काम नहीं हुआ | अधिकारीयों द्वारा जब इस काम का भोतिक सत्यापन किया गया तो काम गलत पाया गया | बावजूद इसके अधिकारीयों की मिलीभगत से 11 लाख 2 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया | कंपनी को नोटिस दिया गया तो कंपनी भाग गई | इस प्रकार शून्य काम का भुगतान कर दिया गया | इसी काम के लिए नगर निगम को दोबारा निविदा जारी करी पड़ी |
जाँच के लिए जिला कलेक्टर ने एन आई सी  की समिति का गठन किया था जिसमे आई टी विशेषज्ञ थे | जाँच में पाया की डाटा शून्य है और भुगतान गलत कर दिया गया है | जाँच रिपोर्ट के आधार पर लोकायुक्त ने अपराध पंजीबद्ध किया है ।

————————————————————————————–
-जीआईएस के काम का टेंडर 21 लाख का था, काम शुन्य होने पर भी 11 लाख दो हजार का भूगतान किया गया । लोकायुक्त ने पद के दुरूपयोग के साथ ही आपराधिक षड़यंत्र की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।

-दिलीप सोनी , एसपी लोकायुक्त संगठन ,उज्जैन

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds