May 3, 2024

जिले में एक केस चिकनगुनिया और नौ केस मिजल्स पाॅजिटिव पाए गए

विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों सहित मलेरिया विभाग के अमले को अलर्ट रहने के निर्देश जारी

रतलाम,30 दिसंबर(इ खबर टुडे )। रतलाम जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की सजगता के चलते क्षेत्र में निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत एक केस चिकनगुनिया और नौ केस खसरा के समय पर पहचान कर उपचार करने में सफलता मिली है। विभाग द्वारा मामलों में पाॅजिटिव पाए गए सभी मरीजों को समुचित उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला रतलाम ने बताया कि विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों सहित मलेरिया विभाग के अमले को अलर्ट रहने के निर्देश जारी कर दिये गये है।
चिकनगुनिया का मरीज इन्दौर जिले में अध्ययनरत है तथा कुछ ही समय पहले रतलाम आया है। अतः संभवतः रोग का संक्रमण इन्दौर से होने की आशंका जताई गई है। खसरा के नौ केस पाॅजिटिव पाए गए है। इनमें से चार केस शहरी क्षेत्र रतलाम एवं पांच केस ग्राम मोरझर तहसील सैलाना के है।

टीकाकरण कराए, विटामिन ए का घोल पिलाए अपने बच्चें को खसरे से बचाएॅ
जिला सर्विलेंस अधिकारी डाॅ. जी.आर. गौड ने बताया कि बिमारी के केस पाॅजिटिव मिलने पर डरने की जरूरत नही है बल्कि पर्याप्त बचाव के उपाय कर प्रतिरोधात्मक उपाय करने की आवश्यकता है। खसरे से बचाव के लिए रोगी के सम्पर्क से दूर रहना चाहिए, प्रभावित बच्चों को एकान्त में रखे विशेषकर दाने सूखने व पपड़ी हटने पर, रोज ताजे पानी से, बिना साबुन आराम से बच्चे को नहलाए, दानों को ज्यादा न रगडे, ढीले, सूती, सफेद कपडे पहनाए तथा उन्हें रोज बदले। सामान्य हल्का, पचने वाला भोजन देवें। योग्य डाॅक्टर से इलाज करवाए। इससे बचने का उपाय खसरे का सही समय पर टीकाकरण तथा नौ माह से पांच वर्ष के बीच विटामिन ए की सभी नौ खुराके पिलाना चाहिए।

खसरा के लक्षण –
1. आंखो में लाली, सूजन, चिपचिपापन,खूजली, पानी निकलना।
2. शरीर पर दाने निकलने।
2. खांसी और जुकाम होना।
3. गले में दर्द रहता है।
4. चार दिन का बुखार, बुखार 40वब ;104 वथ्द्ध तक पहुॅच सकता है।

जिला एपिडिमियोलाॅजिस्ट लालजू शाक्य ने बताया कि जिले में एकीकृत रोग निगरानी परियोजना कार्यक्रम संचालित है। कार्यक्रम के द्वारा सभी क्षेत्रों से उनके क्षेत्र में होने वाली रोग आदि की रिपोर्ट संधारित की जाती है। कार्यक्रम की रिपोर्ट संधारण प्रक्रिया के द्वारा रोगियों की समय पर पहचान की जा सकी है। अतः किसी भी प्रकार का रोग फैलने की स्थिति में जानकारी छुपाना नही चाहिए। बल्कि तत्काल समीप के शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर इसकी सूचना देनी चाहिए और समुचित उपचार लेना चाहिए।

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