May 3, 2024

मेरे दोस्तों
जिंदगी की उलझनों मे
अंधकार की कीमत कुछ नहीं ।
चलो छोड़ो इस अंधेरे की गुमनामी की
जिंदगी भरी बातें ।।
गुजर जाएगी यह भी रातें
अपना हौसला कायम रखना मेरे यार ।
जिंदगी को नई रोशनी दिख रही है
दौड़ते हुए सपने देखो वह आतें ।।
घोर अंधेरा मिट गया
जब शमा यू जल उठे इस महफिल में ।
तलाश पूरी हो गई उजाले की
फिर मिले नए मित्र
नए रिश्ते नए नाते ।।

-प्रकाश हेमावत
मकान नंबर 545 गली नंबर 5
बुद्धेश्वर मंदिर की तरफ
टाटा नगर रतलाम

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