जल संकट के निजात के लिये ग्रामीण योजना का क्रियान्वयन शीघ्र
कलेक्टर द्वारा की गई तीन दिवसीय पैदल यात्रा के बाद ग्रामीणों को लाभ देने की पहल प्रारम्भ
उज्जैन 10 नवम्बर(इ खबरटुडे)।गत दिनों कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने पंचक्रोशी मार्ग पैदल चलकर तय किया था। इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने सैकड़ो ग्रामीणों से चर्चा की। पंचक्रोशी यात्रा पूर्ण करने के उपरान्त उन्होंने ग्रामीण विकास व सिंहस्थ के मद्देनजर जिला प्रशासन स्थानीय स्तर पर समाधान कारक योजना प्रारम्भ करने जा रहा है। इसके लिए कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने मंगलवार को अपने कक्ष में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर एक नवीन योजना पर गहन चिन्तन किया। यह योजना अगले वर्ष 1 जनवरी से निश्चित रूप से प्रारम्भ की जायेगी। इस गहन चिन्तन बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के कार्यपालन यंत्री सुनील उदीया सहित विभाग के एसडीओ एवं उपयंत्री उपस्थित रहे।
200 युवकों का चयन कर, जल संकट का समाधान
विचार मंथन करने के बाद कलेक्टर ने योजना के अमल करने का खाका तैयार कर अधिकारियों को निर्देशित किया। योजना अनुसार जिले की सभी ग्राम पंचायतों को क्लस्टर रूप में विभाजित किया जायेगा। यह क्लस्टर तीन-तीन ग्राम पंचायतों का होगा। इसके प्रथम चरण में लोक स्वास्थ्य विभाग गॉव के ऐसे युवकों का चयन करेंगे, जो वर्तमान में उस गॉव में पन्चर जोड़ने का कार्य, मोटर रिवाइंडिग या अन्य स्तर के कार्यों में संलग्न है। चयन के बाद इन सभी युवकों को प्रशिक्षित किया जायेगा। यह प्रशिक्षण विकास खण्ड वार आयोजित होगा। प्रशिक्षण में उन बिन्दुओं पर विशेष रूप से जोर दिया जायेगा, जिसमें युवक गॉव में खराब पड़े हैण्डपम्प को ग्रामीणों की सहायता से सुधार सके और पानी का संकट दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। दरअसल पैदल यात्रा के दौरान कियावत ने दो गॉवों में रात्री विश्राम कर ग्रामीणों से उनकी समस्याएं सुनी थी। इसके फलस्वरूप उन्होंने स्थानीय स्तर पर जल संकट से निजात पाने के लिये इस योजना पर अमल शुरू किया।
रोजनगार मूलक और जल संकट निवारक योजना है
ग्रीष्म काल में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के संकट को दूर करने के लिये जिले के 200 युवाओं को लेकर योजना प्रारम्भ की जा रही है। इसमें एक ओर पेयजल संकट दूर करने के प्रयास किये जायेगे तथा दूसरी ओर युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा। इसके तहत चयनित युवकों को प्रशिक्षित कर अस्थाई ग्रामीण हैण्डपम्प मैकेनिक सहायक बनाया जायेगा, जो अपने आस पास के गॉव में खराब हैण्डपम्प को दुरूस्थ करने का कार्य करेगे। इन युवकों को अस्थाई रोजगार प्राप्त होगा। हैण्डपम्प दुरूस्थ करने के एवज में प्रति ग्राम पंचायत हैण्डपम्प सुधारने पर 50 या 100 रूपये प्रदान करेगी। इसके अलावा ये ग्राम पंचायते प्रत्येक माह 200-200 रूपये का भुगतान करेगी।
रोजगार प्रदान करने में मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना का सहारा लिया जायेगा
200 युवाओं को मैकेनिक सहायक प्रशिक्षण प्रदान कर मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण सहायता से यूनिफॉर्म, साइकिल और हैण्डपम्प टूलकिट प्रदान किया जायेगा। यह योजना 1 जनवरी से निश्चित तौर पर प्रारम्भ होगी। कलेक्टर कियावत ने इस योजना में राशि की उपलब्धता को लेकर आदिमजाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह, विशेष केन्द्रीय सहायता राशि प्राप्त करने के लिये चर्चा भी की।
8 हजार 663 हैण्डपम्प पुरे जिले में और केवल 46 मैकेनिक
लोक स्वास्थ्य कार्यपालन यंत्री श्री उदीया ने बताया कि वर्तमान समय में जिले में कुल 8 हजार 663 हैण्डपम्प हैं जिनको दुरूस्थ करने के लिये विभाग के पास मात्र 46 हैण्डपम्प मैकेनिक है। इस योजना के लागू होने के बाद जिले में पेयजल संकट की समस्या दूर होगी।