चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने शिवराज,सादे कार्यक्रम में ली पद और गोपनीयता की शपथ
भोपाल,23 मार्च(इ खबरटुडे)। करीब पन्द्रह माह सत्ता से दूर रहने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। राजभवन में आयोजित बेहद सादे समारोह में भाजपा की वरिष्ठ नेत्री पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती,प्रदेश भाजपाध्यक्ष वीडी शर्मा,वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव,नरोत्तम मिश्रा आदि मौजूद थे।
इससे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह को विधायक दल का नेता चुना गया था। विधायक दल का नेता चुने जाने के कुछ ही देर बाद शिवराज सिंह व अन्य नेता राजभवन पंहुचे,जहां शपथ ग्र्रहण का बेहद सादा समारोह आयोजित किया गया। प्रदेश के राज्यपाल लाल जी टण्डन ने उन्हे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्र्रहण के तत्काल बाद शिवराज ने अपनी पहली प्राथमिकता कोरोना की चुनौती से निपटने को बताया और सभी साथी विधायकों से अपने अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को कोरोना के विरुद्ध जागरुक करने को कहा।
चौथी बार शिवराज ने ली सीएम पद की शपथ
शिवराज सिंह पहली बार 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने। 8 दिसंबर 2013 को शिवराज ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।
क्यों गिरी थी कमलनाथ सरकार
22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। ये सभी विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के हैँ।
कांग्रेस के बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होते ही कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 92 हो गई है। वहीं, बीजेपी के पास कुल 107 विधायक है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बागी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कुल 24 सीट खाली हो गई है। ऐसे में फिलहाल बीजेपी के पास बहुमत के लिए जरूरी विधायकों की संख्या मौजूद है।
बीजेपी में शामिल हो चुके हैं 22 विधायक
मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी 22 बागी विधायक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में दिल्ली में आज भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इन्हीं बागी विधायकों की वजह से मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार शुक्रवार को गिर गई थी।