चैन लुटेरों के हवाले शहर
डेढ घण्टे में चैन लूट की दो वारदातें
रतलाम,6 मार्च(इ खबरटुडे)। लगता है शहर चैन लुटेरों के हवाले हो गया है। चैन लुटेरे हर ओर सक्रीय है। महिलाएं दिन में भी सुरक्षित नहीं है। चैन लुटेरे बेहिचक दिन दहाडे महिलाओं के गले से चैन लूट के जा रहे है। बुधवार को तो चैनलुटेरों ने कमाल कर दिया। मात्र डेढ घण्टे में लुटेरों ने शहर के दो इलाकों में चैन लूट की वारदातों को अंजाम दे दिया। पहली वारदात तो कलेक्टोरेट परिसर के नजदीक हुई,वहीं दूसरी वारदात बीच शहर में जैन कालोनी में हुई। चैन लूट की वारदातों के प्रति पुलिस कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वारदात होने के बावजूद स्टेशनरोड पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने की बजाय पीडीत महिला से लिखित आवेदन ही लिया।
चैन लूट की पहली सनसनीखेज वारदात कलेक्टोरेट परिसर के गुलाब चक्कर के पास सुबह करीब सवा दस बजे हुई। छोटी सीतलामाता निवासी श्रीमती रुचिका शर्मा 30 अपने नन्हे पुत्र को रामबाग स्थित स्कूल में छोडकर अपने स्कूटर से घर लौट रही थी,कि तभी पीछे से मोटर साइकिल पर सवार दो युवक आए। उन्होने श्रीमती शर्मा के गले से सोने की चैन खींची और नगर सुधार न्यास की तरफ भाग निकले। घबराई हुई श्रीमती शर्मा थोडी देर बाद सामान्य हो पाई। वे स्टेशन रोड पुलिस थाने पंहुची। पुलिस थाने पर जब उन्होने अपनी आपबीती सुनाई तब वैसे तो पुलिस अधिकारी उनके साथ घटनास्थल देखने मौके पर पंहुचे,लेकिन बाद में पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने की बजाय श्रीमती शर्मा को लिखित आवेदन देने को कहा। श्रीमती शर्मा दो तोले वजन की सोने की चैन पहने हुई थी,जिसकी वर्तमान कीमत साठ हजार रु.से अधिक है।
दूसरी वारदात इस घटना के महज डेढ घण्टे बाद साढे ग्यारह बजे जैन कालोनी में हुई। थावरिया निवासी श्रीमती माला पति सुनील व्यास 60 वर्ष जैन कालोनी स्थित नाहर कान्वेन्ट स्कूल जाने के लिए घर से पैदल निकली थी। वे जैन कालोनी के भीतर पंहुच चुकी थी और कालोनी के भीतर बने उद्यान के समीप से गुजर रही थी कि अचानक मोटर साइकिल पर सवार दो युवक सामने से आए। उन्होने श्रीमती व्यास के गले से ४ ग्राम वजनी सोने की चैन छीनी और वाहन पलटा कर भाग गए। श्रीमती व्यास का शोर सुनकर आसपास के रहवासी बाहर निकले,लेकिन तब तक लुटेरे दूर निकल चुके थे।
उल्लेखनीय है कि चैनलूट की वारदातों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। पुलिस इन पर रोक लगा पाने में नाकाम साबित हो रही है और इसी वजह से लुटेरों के हौंसले बुलन्द होते जा रहे है। पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली भी इसकी बडी वजह है। आज सुबह जब गुलाब चक्कर में चैन लूट की वारदात हुई थी,तब भी यदि पुलिस ने मुस्तैदी से काम लिया होता और फरियादी को घटनास्थल पर ले जाने की बजाय पहले शहर के विभिन्न इलाकों में तैनात चीता और अन्य जवानों को सतर्क किया जाता तो कम से कम दूसरी वारदात नहीं हो पाती। लेकिन पुलिस का ज्यादा ध्यान मामलों को दबाने में होता है। नतीजा यह रहा कि लुटेरों ने मात्र डेढ घण्टे में दूसरा कारनामा कर दिखाया।